MP Poor State : चौथा गरीब राज्य है MP, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

प्रदेश का यह जिला और ये इलाका सबसे ज्यादा गरीब

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MP Poor State : चौथा गरीब राज्य है MP, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

Bhopal : कोई इस बात को माने या न माने पर अलीराजपुर प्रदेश का सबसे गरीब जिला (Alirajpur Poorest District of State) है। जिला बनने के 13 साल बाद भी इस जिले की गरीबी दूर नहीं हुई। यही नहीं, देश के गरीब राज्यों में भी मध्यप्रदेश का नंबर चौथा (Madhya Pradesh’s Number Four) है। देश में सबसे कम गरीबी 0.71% केरल में है और सबसे ज्यादा 52% बिहार में।

MP Poor State : चौथा गरीब राज्य है MP, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

नीति आयोग की बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट (Multidimensional Poverty Index Report) में इस बात का खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सभी जिलों में 40% से अधिक आबादी गरीबी की मार झेल रही है।

अलीराजपुर में सबसे अधिक 71% की आबादी गरीब है, इसके बाद पड़ोसी झाबुआ में 69% आबादी गरीब है. बड़वानी में 62% लोग गरीब हैं. ये इलाके कुपोषण के भी शिकार हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार (As Per Census 2011) भारत का सबसे कम साक्षर जिला (Least Literate District) अलीराजपुर है। इसे 17 मई 2008 को झाबुआ से अलग कर बनाया गया था। गठन के 13 साल बाद भी यह मध्य प्रदेश का सबसे गरीब जिला है।

MP Poor State : चौथा गरीब राज्य है MP, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

नीति आयोग ने बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है। पहले नंबर पर बिहार (52%), दूसरे पर झारखंड (42%) और तीसरे नंबर उत्तर प्रदेश (38%) देश के सबसे गरीब राज्यों के रूप में उभरकर सामने आए हैं। सूचकांक के अनुसार मप्र में 37% आबादी गरीब है। मतलब प्रदेश के 2.5 करोड़ लोग गरीबी में जीवन जी रहे हैं।

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केरल में सबसे कम गरीबी

रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे कम गरीबी केरल (0.71%) में है। इस तरह, गोवा व सिक्किम (4%), तमिलनाडु (5%) और पंजाब (6%) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं। ये सूचकांक में सबसे नीचे हैं।

MP Poor State : चौथा गरीब राज्य है MP, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

रिपोर्ट का आधार 3 मानक

एमपीआई के तीन मानक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर रखे गए हैं। इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के 12 संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं। पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते भी इसमें शामिल हैं।

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