MP-PSC Office Surrounded : MP-PSC के खिलाफ युवा सड़क पर उतरे, मैन एग्जाम के लिए सिर्फ 45 दिन का समय!

आयोग के दफ्तर के सामने हंगामा और नारेबाजी, तख्तियां लेकर प्रदर्शन!

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MP-PSC Office Surrounded : MP-PSC के खिलाफ युवा सड़क पर उतरे, मैन एग्जाम के लिए सिर्फ 45 दिन का समय!

Indore : मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) के खिलाफ युवा सड़क पर उतर आए। उन्होंने सोमवार को आयोग की मनमानी नीतियों के खिलाफ आयोग के ऑफिस के सामने प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। एमपी पीएससी-2023 की प्रीलिम्स के रिजल्ट के बाद मैन एग्जाम के लिए सिर्फ 45 दिनों का समय देने से परीक्षार्थी भड़के। उन्होंने आयोग के दफ्तर के सामने धरना दिया।

परीक्षार्थियों का कहना है कि सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही। स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्टूडेंट्स की मांग है कि जब तक आयोग के चेयरमैन खुद आकर संवाद नहीं करते तब तक विरोध जारी रहेगा। इसके अलावा 2019-20 के रोके गए 13% रिजल्ट को भी जारी करने की मांग उठाई।

सोमवार दोपहर काफी संख्या में युवा आयोग के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने हाथ मे तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। धरना देने वालों ने बताया कि 2023 की प्रीलिम्स के रिजल्ट आए हैं। अब हमें मैन एग्जाम के लिए सिर्फ 45 दिन का समय दिया जा रहा है। इसके पहले 2019, 2020, 2021 और 2022 की परीक्षा में 6 से 8 महीने का समय दिया गया था। आयोग के अधिकारियों को खुद समझना चाहिए कि क्या 45 दिन में तैयारी संभव है। हम इतने कम समय में कैसे तैयारी करें। हमें कम से कम तीन महीने का समय तो दिया जाना चाहिए।

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एक युवा ने कहा कि इतने कम समय में हम अपना कोर्स भी पूरा नहीं कर पाएंगे। कई का इस बार आखिरी अटैम्ट है और इसके बाद वे दायरे से बाहर हो जाएंगे।

सरकार मजाक कर रही
विरोध कर रहे युवाओं ने कहा कि मप्र में 45 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हैं। चुनाव के पहले सरकार ने कहा था कि मोदी की गारंटी है और हम ढाई लाख सरकारी पदों को भरेंगे। अभी मप्र सरकार ने 60 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। यह सरकार बेरोजगारों के साथ मजाक कर रही है। हम मांग कर रहे हैं कि 2024 में 500 पद भरे जाने चाहिए।

मुख्य परीक्षा की कापियां दिखाएं
यह भी मांग की गई कि 2018 तक मुख्य परीक्षा की कॉपियां दिखाईं जाती थी। बाद में उन्हें स्टूडेंट्स को दिखना बंद कर दिया गया। प्रशासन को हमारी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं की जाएंगी हम इसी तरह से विरोध करते रहेंगे।