राजस्थान नहीं महिलाओं के अत्याचार मामलों में MP देश में पहले स्थान पर -अशोक गहलोत

गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

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राजस्थान नहीं महिलाओं के अत्याचार मामलों में MP देश में पहले स्थान पर -अशोक गहलोत

जयपुर: गत माह की 29 जुलाई को अपने दोनों पैरों में लगी चोट के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक महीने से भी अधिक समय के बाद जयपुर में अपने सरकारी निवास आठ सिविल लाइन से बाहर किसी सार्वजनिक समारोह में भाग लेने व्हील चेयर पर बाहर निकले । अवसर था राजस्थान में अगले एक महीने तक चलने वाले राजीव गाँधी शहरी और ग्रामीण खेल ओलम्पिक के उद्घाटन का । इस प्रकार के ओलम्पिक खेलों का आयोजन करने वाला राजस्थान देश का पहला प्रदेश है जिसमें लाखों की संख्या में युवा वर्ग भाग लेता है।
मुख्यमंत्री किसी समारोह में भाग लें और मीडिया उनसे मुख़ातिब नही हों, ऐसा कैसे हो सकता है। मुख्यमंत्री ने भी इस अवसर का भरपूर लाभ उठाते हुए एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसद भवन में दिए बयान पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि राजस्थान एक शांतिप्रिय राज्य है। राजस्थान की तुलना मणिपुर से कर उसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
गहलोत ने कहा कि हर राज्य में घटनाएं हो रही हैं। क्या उन्हें मध्य प्रदेश में होने वाली घटना नहीं दिखती? जिसमें एक भाजपा विधायक का बेटा शामिल है…।

गहलोत ने यह भी कहा कि हमें सामूहिक रूप से समाज को बलात्कारों और अत्याचारों के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है।

राजस्थान में बढ़ते अपराधों को लेकर विपक्ष भाजपा सरकार पर हमलावर है। बीजेपी के नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपराधों पर अंकुश लगाने में विफल रही है। महिला अत्याचारों और दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान को अपराधों की राजधानी और देश में नम्बर वन बताया जा रहा है। उधर, सत्ता पक्ष के नेता और स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा करते हैं कि बीजेपी शासित राज्यों में राजस्थान से ज्यादा अपराध बढ़े हैं। इसके बावजूद भी बेवजह राजस्थान को बदनाम किया जा रहा है। उनका कहना है कि हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े सामने आए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म और महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के कुल मामलों में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी के आरोपों को लेकर पिछलें दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों का जिक्र किया था । उन्होंने कहा था कि सबसे ज्यादा रेप मध्य प्रदेश में होते हैं, वहां बीजेपी की सरकार है। हत्या, महिलाओं पर अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश का नंबर सबसे ऊपर है। पुलिस हिरासत में मौतें गुजरात में सबसे ज्यादा हुई हैं। नाबालिग से रेप में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है लेकिन फिर भी राजस्थान को बदनाम किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल रिकॉर्ड क्राइम ब्यूरो अलग अलग राज्यों के आपराधिक प्रकरणों की सूची तैयार करता है। वर्ष 2021 में दर्ज मुकदमों के अनुसार महिला अत्याचार से जुड़े सर्वाधिक मामले मध्यप्रदेश में दर्ज हुए हैं। मध्यप्रदेश में कुल 6,459 प्रकरण दर्ज हुए जबकि 6,337 प्रकरणों के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र (5954) तीसरे, उत्तरप्रदेश (5592) चौथे और तमिलनाडू (3823) पांचवें स्थान पर हैं। हालांकि महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में राजस्थान देश में नम्बर वन है लेकिन नाबालिग बालिकाओं के साथ हुए दुष्कर्म के आंकड़े जोड़ने पर कुल मुकदमों में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान दूसरे स्थान पर है।

राजस्थान के भीलवाड़ा में नाबालिग लड़की का जला हुआ शव मिलने की हाल ही हुई घटना के बारे में मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि पुलिस ने कल रात 4-5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस और क्या करेगी?कार्रवाई करने के मामले में हम सभी राज्यों में नंबर वन पर हैं।आप राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तुलना उस राज्य (मणिपुर) के साथ कर रहे हैं ,यह सरासर राजनीति है और हमें यह मंजूर नहीं है।

इधर अजमेर रेंज की पुलिस आई जी लता मनोज कुमार ने भी बताया कि भीलवाड़ा मामले में अब तक 4 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इस मामले में शामिल दो महिलाओं को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हम मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष पीपी को भी नियुक्त करेंगे। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि इस मामले से जुड़े सभी लोगों को कानून के तहत अधिकतम सजा मिले।