MP Transfer Policy : नई तबादला नीति में प्रभारी मंत्री की अनुशंसा से ही तबादले होंगे!

कैबिनेट की अगली बैठक में इसे मंजूरी मिलेगी, किसी भी संवर्ग में 20% से अधिक तबादले नहीं!

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MP Transfer Policy : नई तबादला नीति में प्रभारी मंत्री की अनुशंसा से ही तबादले होंगे!

Bhopal : डेढ़ साल से अटके ट्रांसफर-पोस्टिंग का जल्द ही इंतजार खत्म हो सकता है। नई तबादला नीति को सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयार कर लिया। कैबिनेट की अगली बैठक में इसे मंजूरी मिलने के आसार हैं। नई नीति के तहत प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा से ही तबादले होंगे। नई नीति के मुताबिक, एक जिले से दूसरे जिले के लिए स्वैच्छिक और प्रशासनिक आधार पर तबादले किए जाएंगे, लेकिन 20% से अधिक नहीं होंगे।

अभी तक जिलों में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति नहीं होने से यह मामला अटका था। सरकार में इस बात पर सहमति बन चुकी है कि जिलों से आने वाले ट्रांसफर-पोस्टिंग के आवेदनों पर जिलों के प्रभारी मंत्री ही अनुशंसा करेंगे। सरकार ने लंबे समय पहले तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। लेकिन, मामला जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति के चलते अभी तक अटका था।

तबादला नीति का प्रस्ताव अगले हफ्ते होने वाली कैबिनेट की बैठक में आ सकता है। उसके बाद तबादलों पर जिलों से आवेदन आना शुरू होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति तैयार कर ली गई है और विभागीय मंत्री से इसका अनुमोदन भी हो गया। अब जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी। इसके अनुरूप ही मध्य प्रदेश में तबादले किए जाएंगे।

नई तबादला नीति में एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा अनिवार्य होगी। इसके अलावा निश्चित अवधि में प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले होंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में 20% से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे।

अब तक तबदलों पर रोक थी

2023 में विधानसभा चुनाव और इसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते तबादले से रोक नहीं हटाई गई थी। तब से लेकर अब तक केवल मुख्यमंत्री के समन्वय से ही तबादले हो रहे हैं। अब दोनों ही चुनाव हो चुके हैं। ऐसे में सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तबादले से रोक हटाने जा रही है और नई तबादला नीति के तहत तबादले किए जाएंगे।