
MPPSC Mains 2025: हाईकोर्ट ने मेन्स 2025 एग्जाम शेड्यूल को नहीं दी मंजूरी
जबलपुर हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी मुख्य परीक्षा-2025 के शेड्यूल को मंजूरी नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष की दलीलें भी सुनना जरूरी है। मामला अब 9 अक्टूबर को सुना जाएगा।
MPPSC Mains Exam 2025 HC Hearing:मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार, 23 सितंबर को एमपी-पीएससी (MPPSC) मुख्य परीक्षा-2025 के मामले की सुनवाई हुई। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) की ओर से हाई कोर्ट में मुख्य परीक्षा का शेड्यूल पेश कर इसे मंजूर करने का आग्रह किया गया। हाई कोर्ट ने उसे फिलहाल मंजूरी नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को भी सुनना जरूरी है। इसी के साथ मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित की दी गई
आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स भोपाल निवासी सुनीत यादव, नरसिंहपुर निवासी पंकज जाटव और बैतूल निवासी रोहित कावड़े की ओर से याचिका दायर की गई है। उनकी ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि एमपीपीएससी (MPPSC) द्वारा कुल 158 पदों की भर्ती हेतु प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम 5 मार्च को घोषित किए गए, लेकिन परिणाम में वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी नहीं किए गए। जबकि पूर्व की सभी परीक्षाओं में वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी किए जाते रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के विभिन्न फैसलों को बायपास करते हुए आयोग ने अनारक्षित पदों के विरुद्ध आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को मेंस के लिए चयनित नहीं किया। सभी अनारक्षित पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित कर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया।
आयोग ने अपनी इस असंवैधानिक त्रुटि को छुपाने के उद्देश्य से 2025 के प्रारंभिक परीक्षा में कट-ऑफ मार्क्स भी जारी नहीं किए हैं। जबकी नियमानुसार प्रत्येक चरण की परीक्षा में वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी किए जाने का प्रावधान है। इसके चलते याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में चयन से वंचित कर दिया गया है।
विगत 21 जुलाई को सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया था। शासन और आयोग की ओर से मुख्य परीक्षा-2025 पर लगा स्थगन हटाने की भी मांग की गई थी। इस पर हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि परीक्षा पर स्थगन नहीं है। कोर्ट ने मुख्य परीक्षा का शेड्यूल बनाकर पेश करने और मंजूरी के लिए एक आवेदन प्रस्तुत करने को कहा था।





