दुर्व्यवहार से MP की अफसरशाही हो रही बदनाम,विपक्ष के वार- मर्यादाएं तार-तार, एक मामले में IAS एसोसिएशन ने दर्ज कराई आपत्ति!

मंत्री-विधायक-कलेक्टर करते रहे CEO का इंतजार, बुधनी में बुजुर्ग पर भड़क गए SDM!

430

दुर्व्यवहार से MP की अफसरशाही हो रही बदनाम,विपक्ष के वार- मर्यादाएं तार-तार, एक मामले में IAS एसोसिएशन ने दर्ज कराई आपत्ति!

भोपाल:मध्य प्रदेश में इन दिनों विपक्ष के नेताओं के अफसरों पर हमले तेज हो रहे हैं, वहीं कुछ अफसर भी पीछे नहीं हैं, वे अपने दुर्व्यवहार से प्रदेश की अफसरशाही को बदनाम कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में इस तरह के मामले तेजी से सामने आने के बाद IAS अफसरों की एसोसिएशन तक ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी विपक्ष के नेताओं को अफसरों के प्रति बयानबाजी में शब्दों के चयन को लेकर नसीहत दी थी, लेकिन इसके बाद भी ऐसे घटनाक्रम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

*उमंग बोले कलेक्टर RSS की चड्ढी पहने और शाखा में जाएं* 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नर्मदापुरम में किसान न्याय यात्रा के दौरान यहां के कलेक्टर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पैसे देकर पोस्टिंग ली है। एसपी सहित अन्य अफसरों पर भी पैसे देकर पोस्टिंग लेने की बात उन्होंने की थी। उनका यह मामला शांत हो पाता इसी बीच शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अलीराजपुर की सभा में वहां के कलेक्टर अभय बेडेकर को लेकर कहा कि यहां पर कुछ अधिकारी ऐसे बैठे हैं तो अपनी कुर्सी छोड़कर बीजेपी की दलाली कर रहे हैं। ऐसे अधिकारी जो हैं उन्हें कांग्रेस राडार पर रखेगी। आप बिल्कुल निर्भीक होकर जनता की सेवा करें, निष्पक्ष नहीं हुए तो आपके खिलाफ कांग्रेस को बिगुल बजेगा। ज्यादा शौक आ रहा है तो किसी अधिकारी को किसी कलेक्टर को बीजेपी, आरएसएस का झंड़ा उठाना है तो आरएसएस की चड्ढी पहनो और शाखा में जाओ, यहां कलेक्टरी की जरूरत नहीं है। आपको आम जनता की सेवा करना होगी मैं यहां के कलेक्टर को कहना चाहता हूं।

 *मंत्री-विधायक-कलेक्टर करते रहे सीईओ का इंतजार* 

इधर अफसर भी बेलगाम होते जा रहे हैं। भोपाल में शुक्रवार को जिला प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप, जनप्रतिनिधियों और जिले के अफसरों के साथ बैठक लेने पहुंचे। इस बैठक में स्मार्ट सिटी के सीईओ केएल मीणा को भी बुलाया गया था। भोपाल में स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जब स्मार्ट सिटी से संबंधित जनप्रतिनिधियों ने इस बैठक में बात की तो पता चला कि मीणा वहां मौजूद ही नहीं हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने उन्हें मोबाइल लगाया, इसके बाद भी वे बैठक खत्म नहीं आए।

 *_इसलिए हैं उमंग नाराज_* 

अलीराजपुर कलेक्टर अभय बेडेकर से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को कांग्रेस के नेता कुछ मामलों को लेकर नाराज चल रहे हैं। दरअसल आत्महत्या के एक मामले में हाल ही में यहां की विधायक सेना पटेल के बेटे के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया था। वहीं रीतेश बघेल और शीतल पंवार नाम के युवकों पर कलेक्टर ने जिला बदर की कार्यवाही की है। इससे कांग्रेस के स्थानीय नेता कलेक्टर से नाराज चल रहे हैं।

 *विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से दुर्व्यवहार* 

शुक्रवार को ही केएल मीणा के अलावा बुधनी के एसडीएम राधेश्याम बघेल का दुर्व्यवहार सामने आया। बुधनी में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेता एक मामले में ज्ञापन देने के लिए पहुंचे थे। इस पर बघेल भड़क गए। दरअसल उन्हें इसलिए गुस्सा आ गया कि उनके पीछे जाकर वीएचपी के एक पदाधिकारी खड़े हो गए। इस पर एसडीएम नाराज हो गए। उन्होंने गुस्से में वीएचपी और बजरंग दल के लोगों से कहा कि ज्ञापन देने आए हो या गुंडागर्दी करने आए हो। एसडीएम के दुर्व्यवहार को लेकर रेहली और चकल्दी के बाजार शनिवार को बंद रहेंगे।

मंत्री भी कर चुके हैं बदमिजाजी

इससे पहले भोपाल में एक मंत्री भी पुलिस थाने में जाकर पुलिस अफसरों और जवानों से बदमिजाजी कर चुके हैं। मामला भोपाल के शाहपुरा थाने का था। एक विवाद को लेकर पुलिस ने मंत्री के बेटे को थाने में बुला लिया था। इस पर मंत्री नाराज हो गए और उन्होंने थाने पर जमकर हंगामा किया। मामला सुर्खियों में आने के बाद मंत्री ने आरोप लगाया कि उनके बेटे के साथ पुलिस ने मारपीट की थी।

*सीएम के सख्त तेवर* 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अफसरशाही के दुर्व्यवहार पर तेवर हमेशा सख्त रहें हैं। शाजापुर में तत्कालीन कलेक्टर किशोर कान्याल ने एक ट्रक के ड्राइवर से सख्त तेवर में कहा था कि तेरी औकात क्या है। इस पर मुख्यमंत्री ने किशोर कान्याल का यहां से तबादला कर दिया था। इसी तरह के अन्य मामलों में भी मुख्यमंत्री के तीखे तेवर देखने को मिलते रहे हैं।

*मनोबल न गिराए टिप्पणी कर* 

नर्मदापुरम में दिए गए जीतू पटवारी के बयान के बाद IAS एसोसिएशन की बैठक हुई। जिसमें इस तरह के बयान को लेकर राजनीतिक दलों से यह कहा था कि अफसरों के प्रति टिप्पणी कर उनका मनोबल न गिराये। अफसर हमेशा अपेक्षा अनुसार ही काम करते हैं। इधर भोपाल की बैठक में सीईओ स्मार्ट सिटी के नहीं आने पर सांसद आलोक शर्मा ने भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री यदि कोई बैठक ले रहे हैं तो सभी अफसरों को मौजूद रहना चाहिए। स्मार्ट सिटी के सीईओ बैठक में मौजूद नहीं थे। हमें जनता में जवाब देना पड़ता है। अफसरों का यह रवैया ठीक नहीं है।

*एपी श्रीवास्तव के खिलाफ ईओडब्ल्यू के रवैये से अफसरों में नाराजगी* 

मध्य प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के चेयरमैन एपी श्रीवास्तव के खिलाफ पिछले दिनों ईओडब्ल्यू में दर्ज शिकायत पर भी आईएएस अफसर नाराज बताए जाते हैं। आईएएस एसोसिएशन में अपनी बैठक में एसीएस के पद से रिटायर्ड हुए अपने सीनियर अफसर के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा शिकायत दर्ज करना और उस पर जांच करने जैसे तीखे रवैये पर नाराजगी जताई। इस मामले में एपी श्रीवास्तव ने ईओडब्ल्यू के डीजी अजय कुमार शर्मा को पत्र लिखकर यह भी बताया था कि रेरा के नियमों के अनुसार ईओडब्ल्यू उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर सकता। इसके बाद भी ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी। इस पूरे मामले के बाद अफसर खासे नाराज हैं।