झारखंड के जैन तीर्थ के लिए राजस्थान में मुनि ने प्राण त्यागे…. गुजरात में सड़कों पर सकल जैन,समाजजनों का सैलाब

जैन तीर्थ सम्मेद शिखर,यानी पारसनाथ पहाड़ी पर्यटन मुक्त कराने का आंदोलन तेज

726

झारखंड के जैन तीर्थ के लिए राजस्थान में मुनि ने प्राण त्यागे…. गुजरात में सड़कों पर सकल जैन,समाजजनों का सैलाब

जयपुर

झारखंड स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाए जाने के विरोध में देशभर में सकल जैन समाज आंदोलनरत हैं।उक्त प्रकरण में राजधानी में गत 10 दिनों से अनशन कर रहे 72 वर्षीय जैन मुनि सुज्ञेय सागर का मंगलवार सुबह 6 बजे सांगानेर स्थित संघीजी मंदिर में समाधिमरण हो गया। वे झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ आचार्य सुनील सागर के संघस्थ रहकर अनशन कर रहे थे।

WhatsApp Image 2023 01 04 at 2.13.36 PM

72 साल के मुनि सुज्ञेय सागर झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ 25 दिसंबर से जयपुर में आमरण अनशन (संलेखना व्रत) कर रहे थे।सांगानेर संघी जी मंदिर से उनकी डोल यात्रा निकाली गई।जयपुर के सांगानेर में समाधि दी गई।अब एक और मुनि के आमरण अनशन पर बैठने की चर्चा है।मुनि आचार्य शशांक ने बताया कि जैन समाज अहिंसक तरीके से आंदोलन कर रहा हैं अगर झारखंड सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो आने वाले दिनों में जैन समाज उग्र आंदोलन को मजबूर होगा।

WhatsApp Image 2023 01 04 at 2.13.48 PM

दरअसल,झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने गिरीडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किया हैं।पारसनाथ पहाड़ी को जैन समाज सर्वोच्च तीर्थ मानता हैं।सरकार ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की लिए 250 पन्नों का एक मास्टर प्लान तैयार किया हैं। सरकार का दावा हैं कि इससे नागरिक सुविधाएं बढ़ेगी,ताकि यहां ज्यादा से ज्यादा लोग घूमने आ सके।

WhatsApp Image 2023 01 04 at 2.13.49 PM

क्या कहते हैं आचार्य
झारखंड सरकार को फैसला बदलना चाहिए,हर तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता हैं।आस्था बनाए रखने की लिए तीर्थस्थलों की पवित्रता बरकरार रखनी होगी।झारखंड सरकार को पर्यटन स्थल बनाने का फैसला वापस लेना चाहिए।
-आचार्य विद्यासागर महाराज