Murder in Partnership Dispute : पार्टनरशिप में लेनदेन का विवाद कारोबारी चिराग की हत्या की वजह बना!

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Murder in Partnership Dispute : पार्टनरशिप में लेनदेन का विवाद कारोबारी चिराग की हत्या की वजह बना!

बैंक लोन में आरोपी की प्रॉपर्टी मॉडगेज थी, चिराग उसे छुड़वाने के लिए राजी नहीं!

Indore : शनिवार सुबह उद्योगपति की उसके घर में हुई हत्या के पत्ते खुलने लगे हैं। चिराग जैन नाम के पाइप कारोबारी की हत्या उसी के पार्टनर विवेक जैन ने की है। दोनों के बीच 12 साल से दोस्ती थी और बिजनेस में भी लम्बी पार्टनरशिप रही। कुछ समय से दोनों में कटुता आ गई थी और दोनों अलग हो गए थे। लेकिन, फिर भी विवाद बना हुआ था। यही विवाद हत्या का कारण बना।

एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक, उद्योगपति चिराग पिता देवेन्द्र का सांवेर रोड पर अरिहंत सेल्स के नाम से पीवीसी पाइप बेचने का कामकाज था। जैन अपने परिवार के साथ रहते थे। उनकी सांवेर रोड पर पाइप की फैक्ट्री है। चिराग मूलत: ग्वालियर का रहने वाला था। 8-9 साल पहले यहां रहने आया था। कारोबार के दौरान उसकी मित्रता आरोपी विवेक पिता महावीर जैन निवासी बख्तावर राम नगर (मूल निवासी भिंड) से हुई।

बाद में विवेक उनका बिजनेस पार्टनर बन गया था। किसी बात पर दोनों का कुछ समय पहले विवाद हो गया था। विवाद के बाद विवेक ने खुद को पार्टनरशिप से अलग कर लिया था। लेकिन, लेनदेन का कुछ हिसाब बाकी थी। इसी हिसाब को पूरा करने के लिए 2 माह पहले चिराग के साथ उसकी बैठक हुई थी। बैठक में चिराग ने उसका बचा हुआ सारा पैसा दे दिया था। विवेक उस हिसाब से संतुष्ट नहीं था और मन में टीस लेकर बैठा था। अपनी संतुष्टि के लिए विवेक बात करने के बहाने चिराग के घर पहुंचा था।

कहासुनी के बाद चाकू मारे

रोज की तरह चिराग की पत्नी पूनम मॉर्निंग वॉक करने गई थी। इसी का फायदा उठाकर वह चिराग से उसके घर बात करने गया। वहां बातचीत के दौरान चिराग और विवेक के बीच कहासुनी हुई। विवाद इतना बढ़ा कि विवेक दौड़कर किचन में गया और चाकू उठाकर चिराग पर कई वार कर दिए। हमले में चिराग की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद विवेक मौके से भाग निकला।

कुछ देर बाद आसपास के लोगों ने देखा कि घर का गेट खुला हुआ है और अंदर खून फैला हुआ है। उन्होंने फौरन पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवाय अस्पताल भेजा और आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। घटना के बाद आरोपी को पकड़ने पुलिस ने अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई हैं। फोरेंसिक टीम जांच कर रही है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है।

गले और पेट पर चाकू के घाव

चिराग के दोस्त दीपक जैन ने बताया कि जब हम पहुंचे तो चिराग खून से लथपथ थे। उनके गले और पेट पर 10-12 चाकू के निशान थे। पता चला कि बिजनेस पार्टनर विवेक घर में घुसकर हमला कर फरार हो गया। दोनों पहले साथ काम करते थे, लेकिन कुछ महीने पहले अलग हो गए थे। विवेक इतनी बड़ी वारदात कर सकता है, यह किसी ने नहीं सोचा था।

विवेक की प्रॉपर्टी बैंक में मॉडगेज

चिराग और विवेक जैन की दोस्ती भिंड में हुई थी। यहीं से दोनों कारोबार के लिए इंदौर आए थे। सूत्रों के मुताबिक कारोबार के लिए चिराग और विवेक ने लोन लिया था। इसके लिए विवेक की प्रॉपर्टी को बैंक में मॉडगेज कर रखा था। विवेक इस प्रॉपर्टी को लोन से फ्री कराना चाहता था, लेकिन चिराग इसमें आनाकानी कर रहा था। चिराग ने सांवेर रोड स्थित फैक्ट्री और अन्य जगहों पर विवेक के आने पर भी पाबंदी लगा दी थी। विवेक को रोकने के लिए बाउंसर भी बैठा दिए थे। चिराग ने मिलन हाइट्स का फ्लैट दो साल पहले ही खरीदा था।

आरोपी का वीडियो सामने आया

आरोपी विवेक जैन का एक वीडियो सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह कुछ दिन पहले का है। वीडियो में विवेक जैन कह रहा है कि मैं पिछले 12 साल से इंदौर में अरिहंत सेल्स में चिराग जैन के साथ पार्टनर हूं। कंपनी में मेरी 50% हिस्सेदारी है और मेरी संपत्ति भी इसमें लगी हुई है, जिसका अब तक निपटारा नहीं हुआ। चिराग जैन ने मेरे साथ बेईमानी की है। कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन न तो उन्होंने समझा और न कोई समाधान निकाला। अब हालात यह है कि उन्होंने मुझे कंपनी से बाहर कर दिया है और ऑफिस में भी आने नहीं देते। जब मैं हिसाब-किताब की बात करता हूं तो वह कोई जवाब नहीं देते। उल्टा, उन्होंने ऑफिस में बाउंसर बैठा दिए हैं जो मुझे अंदर नहीं जाने देते।

बेटा बोला ‘मेरे पापा को मत मारो’

बेटे विहान ने चाकू मारते देखकर विवेक से कहा था कि मेरे पापा को मत मारो, लेकिन विवेक के सिर पर खून सवार हो गया था। उसने एक के बाद एक 12 वार चिराग के सीने पर किए। फ्लैट के ड्राइंग रूम में खून फैल गया। चिराग ने संघर्ष करने की कोशिश की, लेकिन विवेक नहीं रुका। घटना के समय बेटा सो रहा था। चिराग और विवेक ने जब लड़ाई शुरू की तो बेटा भी जाग गया था। विवेक टी शर्ट और बरमुडे में आया था। वह अपने साथ चाकू नहीं लाया था। घटना के बाद बेटे ने मां को कॉल कर बुलाया और चिराग को अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।