Muslim Community Against Survey : भोजशाला में ASI सर्वे के नाम पर खुदाई का विरोध, मुस्लिम समाज काली पट्टी बांधेगा!  

कहा कि मस्जिद के आसपास इतनी खुदाई कर दी कि नमाज पढ़ने की जगह नहीं बची! 

Muslim Community Against Survey : भोजशाला में ASI सर्वे के नाम पर खुदाई का विरोध, मुस्लिम समाज काली पट्टी बांधेगा!  

धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

Dhar : आज शुक्रवार है, भोजशाला में मुस्लिम समाज ने नमात अता की। वहां से बाहर आकर समाज के नेताओं ने सर्वे के नाम पर एएसआई द्वारा की जा रही खुदाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। जिस तरह भोजशाला में खुदाई की जा रही है, उससे मुस्लिम समाज वहां नमाज पढ़ने से वंचित हो रहा है। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए मुस्लिम समाज अगले शुक्रवार को काली पट्टी बांधेगा।

कमाल मौलाना मस्जिद नमाज इंतेजामात कमेटी सदर जुल्फिकार पठान ने कहा कि चारों तरफ मस्जिद की ओर खुदाई चल रही है। ब्रसिंग के नाम पर मस्जिद के चारों तरफ खोदा जा रहा है। अभी भी हम मस्जिद के अंदर से निकले हैं। वहां आधा हिस्सा बचा है। इस कारण मुस्लिम समाज वहां नमाज पढ़ने से वंचित रहा। अगले शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर हम अपना विरोध दर्ज करेंगे। आठ दिन के अंदर यदि फिजिकल एग्जिबिशन किया जाए और मस्जिद को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाए।

उन्होंने मीडिया से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में फिजिकल एग्जीबिशन से मना किया था। उस आदेश की लगातार अवहेलना की जा रही है। हमने टाइम-टाइम पर ज्ञापन दिए और शासन प्रशासन को अवगत भी कराया कि मस्जिद के चारों तरफ खुदाई चल रही है। ब्रसिंग के नाम पर खोदा जा रहा है। एएसआई लगातार चारों तरफ से खुदाई कर रही है। मुस्लिम समाज ने जो ज्ञापन दिया था। अब उसकी पहली कड़ी के तहत अगले शुक्रवार को मुस्लिम समाज काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करेगा। हम शासन प्रशासन से यह बोलना चाहते हैं कि जो फिजिकल एग्जिबिशन चल रहा है, उसे तुरंत बंद किया जाए और मस्जिद को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो।

हमें अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार

मुस्लिम समाज तरफ से सर्वे में शामिल मुस्लिम प्रतिनिधि अब्दुल समद ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की अवहेलना तो पहले से हो रही है। जो भी विरोध हो या प्रतिक्रिया हो वह समाज की तरफ से है और समाज को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। वह अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। लेकिन, कानून के दायरे में रहकर। काली पट्टी बांधना या काले कपड़े पहनना किसी तरह का कोई अपराध नहीं है। हमारे संविधान में ऐसा नियम नहीं है कि आप काली पट्टी नहीं बांध सकते। वह तो विरोध स्वरूप किया सकता है। हम पूरा सहयोग कर रहे हैं। समाज एकजुट और साथ है।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवहेलना बहुत दिनों से हो रही है। समय समय पर उसका विरोध लिखित और मौखिक रूप से सभी अधिकारियों के समक्ष, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय दोनों के समक्ष भी दर्ज कराया है। अभी हमारी याचिका लिस्टिंग नहीं हुई है, हम लगे हुए हैं। इसमें जो भी आदेश आएगा, वह मान्य होगा। आदेश के तहत जो काम चल रहा है, उसमें हम सहयोग कर ही रहे हैं। मीडिया बंधुओं को समय-समय पर जानकारी दी जाती है। एक बार यही सहयोग की अपील करता हूं। समाज के लोगों से मेरा अनुरोध है कि सर्वे अपनी जगह चल रहा है। शहर अपना है शहर में शांति बनाए रखें। यही गुजारिश करता हूं।

अब्दुल समद ने कहा कि आज उत्तर की तरफ खुदाई चल रही है। लेबलिंग के नाम पर करीब 4 फीट तक मिट्टी हटाई है। उसमें जो भी निकल रहा है, वो मोल्डिंग के टुकड़े और ऊपर से चीजे गिरी है। वही चीज निकल रही है। पीछे की तरफ दक्षिण क्षेत्र में भी खुदाई चल रही है। जहां से कल एक लोहे की तलवार निकली थी। उस तलवार को भी लोगों ने रख लिया। उसकी भी आज क्लीनिंग ब्रशिंग और अच्छे से घिसाई की है। उसमें कीट और जंग लगा हुआ है। उस पर किसी तरह की कोई लिखावट नहीं मिली।

स्मारक में मस्जिद में अंदर की तरफ जो खुदाई चल रही थी, जिसमें तीन लेयर वाली दीवार निकली। उसमे करीब 14 फीट खुदाई कर ली। आज करीब 6 इंच और उसमें बढ़ाया गया। आज शुक्रवार है और टाइम कम था। उसे आगे भी बढ़ाया जाएगा। हो सकता है कल आगे खुदाई करें और थोड़ी उसकी लेंथ बढ़ाएं। जो भी विरोध और प्रतिक्रिया है, उसे रखने का मुस्लिम समाज को पूरा अधिकार है।