Muslim Marriage Law Canceled : मुस्लिम विवाह कानून असम सरकार ने रद्द किया, नया कानून लाया जाएगा!
Guwahati : मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम असम राज्य में निरस्त हो गया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। इन दोनों कानूनों को निरस्त करने के लिए गुरुवार को कैबिनेट में ‘असम रिपीलिंग बिल’ यानी असम निरसन अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब इस निरसन विधेयक को विधानसभा में रखा जाएगा। गुरुवार को असम सरकार ने बाल विवाह को रोकने तथा विवाह और तलाक पंजीकरण में समानता सुनिश्चित करने के लिए असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने के उनके राज्य सरकार के मिशन से न केवल सामाजिक परिवर्तन आया, बल्कि बालिकाओं के लिए स्वस्थ जीवन भी सुनिश्चित हुआ है। बिस्वा ने कहा कि अप्रैल 2022 में राज्य में किशोर गर्भावस्था के मामले 9330 दर्ज किए गए थे, जो जून 2024 में घटकर 3401 हो गए हैं। विवाह और तलाक के पंजीकरण में समानता लाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को असम निरसन विधेयक को मंजूरी दी। हिमंता बिस्वा ने सोशल मीडिया की पोस्ट में बताया कि इस बिल का उद्देश्य असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण नियम, 1935 को निरस्त करना है।
असम कैबिनेट की ओर से मंजूर असम रिपीलिंग अधिनियम को अब विचार के लिए असम विधानसभा के अगले मानसून सत्र में रखा जाएगा। कैबिनेट ने यह भी फैसला किया है कि असम में मुस्लिम विवाहों के पंजीकरण के लिए एक उपयुक्त कानून लाया जाए, जिस पर विधानसभा के अगले सत्र तक विचार किया जाएगा।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखी पोस्ट में कहा है कि हमने बाल विवाह के अतिरिक्त सुरक्षा उपाय कर अपनी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि कैबिनेट की बैठक में हमने असम रिपीलिंग बिल 2024 के माध्यम से असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया है।