Muslim Side Was Not Invited : ASI ने सर्वे के लिए मुस्लिम पक्ष को नहीं बुलाया, यह उनकी गलती!
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
धार। भोजशाला सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष ने अपना विरोध दर्ज करवाया है। शहर काजी वकार सादिक़ ने कहा कि एएसआई के सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई अधिकृत व्यक्ति नहीं था। हमारी संस्था कमाल मौलाना मस्जिद है, जिससे एक पत्रकार अब्दुल समद जुड़े हैं। मुझे लगता है कि आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट को अब्दुल समद को नोटिस देना था। अगर वह नहीं आया तो इसमें आर्कियोलॉजिकल डिपार्मेंट की गलती है।
1902 और 1903 की सर्वे रिपोर्ट मौजूद है। उस रिपोर्ट मे यह क्लियर है ‘दिस इस ए मॉस्क’ इसी को लेकर 1998 में याचिका लगी थी। बजरंग दल और हिंदू समाज के विमल कुमार गोधा ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई थी। तब अटल बिहारी की गवर्नमेंट थी। वहां से हाई कोर्ट में जब रिपोर्ट आई, उसमें कहा कि यह कमाल मौलाना मस्जिद है, भोजशाला कहां है? यह एक मिस्ट्री और यह जवाब हाई कोर्ट के संज्ञान में है।
आर्कियोलॉजिकल डिपार्मेंट किसी भी तरह का काम करके अपनी बात से हट नहीं सकता। क्योंकि स्टेपल की बात आएगी, यह कोई बड़ी बात नहीं है। कोर्ट में तारीख आगे-पीछे होती रहती है। आज नहीं तो कल हमारी सुनवाई होगी। अब हम सोच रहे हैं कि समाज की पूरी मीटिंग बुलवाएं और पूरे समाज की तरफ से जाएं।
मैंने भी बताया था हमारे पास डॉक्यूमेंट मौजूद है। वहां पर 5 टाइम की नमाज होना चाहिए। आज तक हम हिंदू समाज का साथ देते रहे और आज भी हम हिंदू समाज के साथ हैं। जो 13 -14 लोग हैं, उनसे हमारा कोई बैर नहीं है। वे ही स्वयंभू बने हुए हैं। लेकिन, अब हमेशा लगता है कि हमें 5 टाइम की नमाज के लिए जाना होगा। पांच टाइम की नमाज चालू करवाने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
सर्वे की रिपोर्ट में है कि यह मृत चीज है जीवित चीज नहीं है। यह एक इमारत है कोई पेड़ पौधा नहीं है। 1902 में जो मौजूद था, वही आज भी मौजूद होगा। अगर कोई चीज आ जाती है तो आर्कियोलॉजिकल डिपार्मेंट देखेगा जो 1902 में नहीं थी वह अभी कैसे आ गई। हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया। अगर नोटिस देते तो हम समझकर चर्चा करने जरूर जाते। वहां जो 12 बीघा जमीन के मालिक है कमाल मौलाना चिश्ती उनके मतावल्ली को नहीं बुलाया गया, शहर काजी को नहीं बुलाया गया और न उर्स कमेटी को बुलाया गया।