Nagar Singh in Delhi : दिल्ली में नागर सिंह चौहान की जेपी नड्डा से मुलाकात की पुष्टि नहीं, अभी वापस नहीं लौटे!
Bhopal : मध्यप्रदेश सरकार के नाराज अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान आज सुबह दिल्ली पहुंच गए। कल शाम बताया गया था कि उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली बुलाया है। लेकिन, आज शाम तक उनकी भाजपा के किसी बड़े नेता से मुलाकात नहीं हुई। दिल्ली में वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से जरूर मिले। इस बीच उन्होंने 1.25 मिनिट का एक वीडियो जारी कर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मजयंती पर अपने क्षेत्र में पहली बार मौजूद नहीं रह पाने पर अफसोस जताया। लेकिन, इस वीडियो की खास बात यह है कि उन्होंने कई बार खुद को अलीराजपुर का विधायक कहा। इससे कयास लगाए जा रहे है कि उन्होंने क्या उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया है! इस वीडियो को उन्होंने खुद रिकॉर्ड किया।
इस रिकॉर्डेड वीडियो में नागर सिंह चौहान युवाओं को संदेश दे रहे हैं कि आज क्रांतिवीर और भारत मां के सपूत चंद्रशेखर आजाद का जन्मदिन है। इस दिन वे पहली बार अपने क्षेत्र में मौजूद नहीं रह पाए हैं। युवाओं को चंद्रशेखर आजाद के जीवन से प्रेरणा लेकर भारत माता की सेवा में अपना जीवन न्यौछावर करने आगे बढ़ना चाहिए। इस संदेश से पहले और बाद में वे अपने आपको विधायक बड़ी जोर से बोलते हैं। वे कहते हैं ‘नमस्कार, मैं नागर सिंह चौहान, विधायक, अलीराजपुर!’ इस बार को वे बार-बार दोहराते हैं और जोर देकर बोलते हैं कि वे अलीराजपुर के विधायक हैं। वे यह नहीं कहते कि वे कैबिनेट मंत्री हैं। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वे सिर्फ विधायक हैं मंत्री नहीं। नागर सिंह चौहान के इस वीडियो ने भाजपा की राजनीति में सनसनी मचा दी।
दिल्ली में अभी बड़े नेता से मुलाकात नहीं
नागर सिंह चौहान सुबह से दिल्ली में है। कहा गया था कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बुलाया है। लेकिन, जानकारी के मुताबिक, उनकी अभी तक किसी से बात नहीं हुई। जबकि, वे नड्डा के अलावा गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की कोशिश में है। आज उनकी सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वीडी शर्मा ने मीडिया से कहा कि सब कुछ सामान्य है, नागर सिंह को समझा दिया गया है। वे मान जाएंगे।
इशारे के बाद भी नहीं दिया इस्तीफा
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया कि नागर सिंह से दो विभाग अचानक नहीं लिए गए। इसके पहले पूरी रणनीति बनाई गई थी। इस संसदीय क्षेत्र से 3 मंत्री हैं जो लोकसभा चुनाव से पहले सोच समझकर बनाए गए थे। जब नागर सिंह की पत्नी अनिता चौहान सांसद बन गई तो पार्टी ने नागर सिंह को मंत्री पद छोड़ने के लिए कहा। लेकिन, उन्होंने संगठन की बात अनसुनी की और पद नहीं छोड़ा। इसके बाद उनके पास से वन और पर्यावरण विभाग ले लिया गया। उनके पास सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग बचा। इस पर नागर सिंह चौहान ने बगावती तेवर दिखाए।
साथ के कुछ लोगों की शिकायत भी ऊपर तक पहुंची
सरकार तक यह भी जानकारी पहुंच रही थी, कि उन्होंने अनधिकृत रूप से कुछ ऐसे लोगों को अपने साथ जोड़कर रखा है, जो विभाग में दखलंदाजी कर कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे लोगों में एक अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है जिनके खिलाफ कई शिकायत सामने आई। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस अधिकारी को उनका ओएसडी नियुक्त करने से इंकार कर दिया था, फिर भी वे काम कर रहे थे। नागर सिंह चौहान भी उन्हें हटाना नहीं चाह रहे। माना जा रहा है कि नागर सिंह चौहान ने जिस तरह मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना की, उसे अनुचित माना गया और विभाग वापस लेने की कार्यवाही की गई।