Name of IAS in FIR : सीनियर IAS का FIR में नाम आने के बाद गायब हुए, अग्रिम जमानत याचिका दायर!

कौशल विकास के बिलों पर दलालों के जरिए 10% कमीशन तय!

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Major Administrative Reshuffle

Name of IAS in FIR : सीनियर IAS का FIR में नाम आने के बाद गायब हुए, अग्रिम जमानत याचिका दायर!

Chandigarh : एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की FIR में हरियाणा के सीनियर IAS विजय दहिया का नाम आने के बाद से वे गायब हैं। उन्होंने पंचकूला जिला सत्र कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी दाखिल की। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 1 मई की तारीख तय की। ये IAS अधिकारी हरियाणा कौशल विकास मिशन (HSDM) से जुड़ा है।

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे IAS विजय दहिया पर भिवानी में भी आयुष्मान भारत योजना का गलत दस्तावेजों के सहारे एक निजी अस्पताल को लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया। इस मामले में स्वयंसेवी संगठन ने स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव जी अनुपमा और आयुष्मान भारत योजना के CEO डीके बेहरा को शिकायत भेजकर भ्रष्टाचार मामले की जांच की मांग की।

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मामले का खुलासा ऐसे हुआ
करनाल के करने रहने वाले रिंकू मनचंदा ने ACB की करनाल यूनिट को इस मामले की शिकायत की थी। उसने शिकायत में बताया कि वह स्किल डेवलपमेंट सेंटर चलाता है। उसका 49 लाख का बिल बकाया था। जब वह बिल मांगने गया तो मिशन में तैनात कर्मचारी उसके पास आया। उसने कहा कि वह दिल्ली की रहने वाली पूनम चोपड़ा से बात करे, वह उसका बिल पास करा देगी। रिंकू ने पूनम से कॉन्टैक्ट किया तो उसने काम के बदले में 5 लाख की रिश्वत मांगी।

इसके बाद ACB ने पंचकूला में पूनम को पकड़ने के लिए ट्रैप किया। जहां रिंकू रिश्वत के तौर पर मांगे 3 लाख रुपए लेकर आया। जब पूनम चोपड़ा ने उससे मिशन मुख्यालय परिसर में पैसे लिए तो ACB ने पूनम को रंगे हाथ पकड़ लिया। ACB ने पूनम से पूछताछ की, तो पता चला कि पूनम चोपड़ा के लिंक कौशल विकास मिशन के चीफ IAS विजय दहिया के साथ हैं।

ACB ने FIR में पूनम चोपड़ा के साथ विजय दहिया को भी नामजद कर लिया। इसका पता चलते ही दहिया अंडरग्राउंड हो गए। उन्हें गृहमंत्री अनिल विज के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना था लेकिन केस दर्ज होने के बाद वह भी रद्द हो गया।

हर बिल कराने के 10% का रेट फिक्स
फिर CID के ADGP से मिले रिंकू इसके बाद रिंकू मनचंदा ने ADGP आलोक मित्तल से मुलाकात की। जहां उसने बताया कि स्किल डेवलपमेंट में बिल पास कराने के लिए 10% कमीशन लिया जाता है। हरियाणा कौशल विकास मिशन में 6 महीने के भीतर 20 से 30 करोड़ रुपए के बिल पास हुए, जबकि 30 से 40 करोड़ रुपए के बिल अभी भी लंबित हैं। इन बिलों को पास कराने के लिए भी मिशन में दलाल सक्रिय हैं। रिश्वत कांड के खुलासे के बाद मिशन मुख्यालय में सन्नाटा है।