Narak Chaturdashi : मुक्तिधाम में मृतात्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई दीवाली!

अनोखी परम्परा का यह क्रम ,पंद्रह वर्षो से अनवरत जारी

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Narak Chaturdashi : मुक्तिधाम में मृतात्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई दीवाली!

रतलाम से रमेश सोनी की विशेष खबर

Ratlam : घर, परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से हम अपनी खुशियों के पल बांटते हैं। ऐसे में हम सभी त्योहारों को खुशनुमा माहौल में मनाते हैं। दीपावली पर्व को भी हम और देश भर की जनता हर्षोल्लास से मनाते हैं। दीपावली का समय जैसे जैसे नजदीक आता जाता हैं घरों में, दफ्तरों में,बाजारों में रौनक बढ़ने लगती है। उमंग उत्साह और सौहार्दपूर्ण वातावरण में हम दिपावली पूजन कर पटाखे फोड़कर खुशियां मनाते हैं। रतलाम शहर में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिपावली पर्व को शहर के शमशान में मनाते हैं।

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इनका सीधा सा उद्देश्य रहता हैं कि उन लोगों को भी याद किया जाए जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।

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दीपावली का माहौल, वही दीपावली का उल्लास,वही रांगोली बनाना, वही दीप प्रज्वलित करना, वही आतिशबाजी कर खुशियां मनाना और वही मिठाईयां बांटना! यह सब होता हैं शहर के त्रिवेणी मुक्तिधाम पर जहां नरक चौदस के दिन सामाजिक संस्था प्रेरणा के पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा इस अनोखे कार्य को अंजाम दिया जाता है। ढोल की थाप पर,आकर्षक रांगोली की सेज पर हजारों दीपकों की रोशनी,और सैकड़ों शहर के रहवासियों द्वारा मृतात्माओं को मिठाईयां समर्पित की जाती हैं।

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जिस शमशान में जाने से लोग कतराते हैं, खौफ खाते हैं और वहां जाने से भी सिहर उठते हैं।वहां ऐसे में एक अद्भुत और अलौकिक माहौल बन जाता हैं। इस आकर्षक और अलौकिक माहौल को अंजाम देने में प्रेरणा संस्था के पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।जिनमें संस्था प्रमुख गोपाल सोनी, धर्मेन्द्र अग्रवाल, राजेश चौहान, राकेश मीणा, क्षेत्रीय पार्षद अक्षय संघवी, कमलेश टाक कमलेश जोशी, सुनील जोशी, लकी अग्रवाल, महेश सोलंकी भरत पंचाल, नवनीत सोनी एवं मात्र शक्ति कुसुम सोलंकी, रुक्मा टाक, श्रीमती वीणा सोनी, कुसुम भट्ट, आशा उपाध्याय और शहर के नागरिक, माताएं, बहने, बच्चे शामिल रहते हैं।

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त्रिवेणी मुक्तिधाम में आकर्षक रांगोली और अनूठे आयोजन को अंजाम देने में शारदा महिला मंडल महाराष्ट्र समाज की सचिव श्रीमती वैशाली बोरगांवकर, श्रीमती सुरभि शिंखेडकर,श्रीमती कल्पना पोटाडे,श्रीमती शुभदा बर्वे और श्रीमती शेला जलगांवकर आदि का विशेष सहयोग रहता हैं।