G-20 शिखर सम्मेलन में विश्व नेता बन उभरे नरेन्द्र मोदी
गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली में पहली बार आयोजित हों रहे G-20 शिखर सम्मेलन में विश्व नेता बन कर उभरे हैं। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शिखर सम्मेलन के लिए बनाए गए भारतीय मंडपम में जी-20 नेताओं का गर्म जोशी से स्वागत करते हुए उनके हाव भाव और आत्म विश्वास देखने योग्य था। यह तब परवान पर चढ़ा जब उन्होंने अफ्रीकन यूनियन को G-20 समूह का सदस्य बनाए जाने की घोषणा की। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन और विश्व के अन्य नेताओं के समक्ष उन्होंने कहा कि अब यह समूह G-21हो गया है।अफ़्रीकी यूनियन के इस संगठन में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद अब 19 देश और दो संघ इसके सदस्य हो गए हैं।अब तक जी-20 ग्रुप में 19 देश शामिल थे। ये देश हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका. ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है।
प्रगति मैदान में भारतीय मंडपम के बाहर का नजारा भी देखने योग्य था । वहां रंग बिरंगे फव्वारों के मध्य नाचते शिव की प्रतिमा और विभिन्न देशों के राष्ट्रीय ध्वजों की छटा अदभुत लग रही थी । इसी प्रकार स्वागत कार्यक्रम के लिए जो मंच तैयार किया गया था उसके पीछे कोणार्क चक्र की प्रतिकृति भी आकर्षक लग रही थी। पी एम मोदी ने अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन और विश्व के अन्य नेताओं को इसके महत्व की जानकारी भी दी। कोणार्क चक्र पहली बार 13वीं सदी में राजा नरसिंहदेव प्रथम के शासन काल में बनाया गया था।ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, यहां की सभ्यता और स्थापत्य कला को दर्शाता है. माना जाता है कि कोणार्क चक्र के घूमने की तुलना कालचक्र से की जाती है और इसे आगे बढ़ने और बदलाव के रूप में देखा जाता है।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी कर एक नया इतिहास रचा। जी-20 लीडर्स घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बनी।
प्रधानमत्री मोदी ने इस मौके पर कहा, “इस अवसर पर मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं. जिन्होंने अथाह परिश्रम करके इसे सार्थक किया है.”उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “नई दिल्ली लीडर्स डिक्लरेशन की मंजूरी के साथ ही इतिहास रचा गया है।
नई दिल्ली घोषणा पत्र में किन चीज़ों का ज़िक्र है इस पर जी20 के भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया. उन्होंने बताया कि नई दिल्ली घोषणा पत्र
मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास,सतत विकास लक्ष्यों पर आगे बढ़ने में तेज़ी,दीर्घकालीक भविष्य के लिए हरित विकास समझौता,
21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं,
बहुपक्षवाद को पुर्नजीवित करना आदि पर केन्द्रित है।नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की घोषणा में यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बारे में बाली में हुई चर्चा को दोहराया गया है और इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए।संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक़, सभी देशों को किसी भी अन्य देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए।परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है।
जी20 शिखर सम्मेलन में आज
पहला और द्वितीय सत्र ‘वन अर्थ’ पर आयोजित किया गया। शाम को सभी राष्ट्राध्यक्ष ने डिनर पर मुलाक़ात की।
रविवार यानी जी20 सम्मेलन के आखिरी दिन ‘वन फ़्यूचर’ पर तीसरा सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित किया जाएगा. इस सत्र के बाद जी20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो जाएगा.
जी20 सम्मेलन के इतर भारत कई देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी कर रहा है। शुक्रवार को अमेरिका, बांग्लादेश और मॉरीशस के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई
और 09 सितंबर शनिवार को ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, इटली के साथ वहीं 10 सितंबर यानी रविवार को कनाडा, तुर्किए, यूएई और दक्षिण कोरिया से द्विपक्षीय वार्ता होगी। सम्मेलन में शामिल हो रहे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सोमवार यानी 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
*मोदी के आगे बोर्ड पर ‘भारत’ लिखना बना चर्चा का केन्द्र*
सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को जब पीएम मोदी अपना उद्घाटन भाषण दे रहे थे तो कई लोगों का ध्यान उनकी मेज़ पर रखे बोर्ड पर जा रहा था,जिस पर ‘भारत’ लिखा था।अतीत में ऐसे मौके पर प्रधानमंत्री ‘इंडिया’ लिखा हुआ देखा जाता रहा है।बीते दिनों जी-20 सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के निमंत्रण पत्र में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ लिखा होने पर भी विवाद खड़ा हो गया था।शुक्रवार को ही संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अगर भारत उसके पास औपचारिक मांग भेजता है और सभी औपचारिकताएं पूरी कर देता है तो वह संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड में ‘इंडिया’ का नाम ‘भारत’ कर देगा।कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश का नाम ‘इंडिया’ से बदल कर ‘भारत’ करना चाहती है।उनका कहना था कि विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम ‘इंडिया’ रखा है जिस वजह से बीजेपी सरकार जानबूझ कर अब ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ नाम का इस्तेमाल कर रही है।
मीडिया रिपोर्टों में दावा भी किया जा रहा है कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के आगामी विशेष सत्र में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई हैज
जी-20 सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम शुरू करने से पहले मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की।
अपने उद्घाटन भाषण के दौरान मोदी ने कहा, “जहां हम एकत्र हुए हैं, वहां से कुछ दूर ढाई हज़ार साल पुराना स्तंभ है जिस पर प्राकृत भाषा में लिखा है- मानवता का कल्याण और सुख, सवैद सुनिश्चित किया जाएगा। दुनिया इस समय कई संकटों का सामना कर रही है. यूक्रेन युद्ध और जलवायु परिवर्तन विश्व के सामने खड़ी बड़ी चुनौतियां हैं।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भरोसा बहाल करने का समय आ गया है.
उन्होंने कहा, “भारत पूरी दुनिया से अपील कर रहा है कि हम मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को विश्वास, भरोसे में बदलें. ये सभी के साथ मिलकर चलने का वक्त है. हम सभी के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास हमारे लिए पथप्रदर्शक बन सकता है।
मोदी ने कहा, “हमें आने वाली पीढ़ी के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल, नॉर्थ और साउथ के बीच का फर्क, ईस्ट और वेस्ट के बीच का फर्क, अनाज संकट, खाद संकट जैसी चुनौतियों का सामना करना ही पड़ेगा।