Nathan Anderson : एक निगेटिव रिपोर्ट जिसने ‘गौतम ग्रुप’ को 45 हजार करोड़ का झटका दिया! 

'हिंडनबर्ग रिसर्च' कंपनी की इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि 'अडानी ग्रुप' में सब कुछ ठीक नहीं!

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New Delhi : एक निगेटिव रिपोर्ट के कारण बुधवार को गौतम अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी को इससे 45 हजार करोड़ का झटका लगा। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक इस गिरावट से अडानी की नेटवर्थ 113 अरब डॉलर रह गई और वे अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर खिसक आए। ये सब हुआ अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की निगेटिव रिपोर्ट के कारण।

हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि ‘अडानी ग्रुप’ में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा है कि यह FPO से पहले उसे बदनाम करने की साजिश है। अडानी ग्रुप का 20 हज़ार करोड़ का FPO शुक्रवार को खुल रहा है।

2017 से अभी तक ‘हिंडनबर्ग’ 36 कंपनियों में संभावित गड़बड़ी का भंडाफोड़ कर चुकी है। पिछले साल इसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर इंक पर पहले शॉर्ट और फिर लॉन्ग पोजीशन ली थी। मई में उसने कहा था कि अगर एलन मस्क 44 अरब डॉलर की डील से मुकरते हैं, तो कंपनी के शेयरों में गिरावट आ सकती है। जुलाई में एंडरसन ने लॉन्ग पोजीशन लेते हुए मस्क के खिलाफ बेट लगाई थी।

अक्टूबर में मस्क ने यह डील ओरिजनल कीमत पर पूरी की। अगर आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं और आप उसके बढ़ने की उम्मीद करते हैं तो इसे लॉन्ग पोजीशन कहा जाता है। दूसरी ओर अगर आप किसी शेयर के भविष्य में गिरने की आशंका रखते हैं और उन्हें अपने नाम पर ट्रांसफर होने से पहले ही बेच देते हैं तो इसे शॉर्ट पोजीशन कहते हैं।

इस रिसर्च कंपनी ने अब तक कई कंपनियों का पर्दाफाश किया है। इसकी स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने की थी। यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करती है। इस कंपनी का नाम 6 मई 1937 में हुए हाई प्रोफाइल हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे के नाम पर रखा गया है।

यह दुर्घटना अमेरिका में न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है और फिर उसके बारे में रिपोर्ट प्रकाशित करती है। कंपनी की वेबसाइट में कहा गया है कि उसकी नजर मैन-मेड डिजास्टर्स पर रहती है। इनमें अकाउंटिंग में गड़बड़ी, कुप्रबंधन और अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस शामिल है। यह प्रॉफिट कमाने के लिए टारगेट कंपनी के खिलाफ बेट लगाती है।

जमीन से उठे हैं नाथन एंडरसन

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नाथन एंडरसन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट से इंटरनेशनल बिजनस में डिग्री लेने के बाद एक डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक (FactSet Research Systems Inc) में काम किया। वहां उनका काम इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों से जुड़ा हुआ था। 2020 में वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मुझे महसूस हुआ कि कामचलाऊ एनालिसिस हो रहा है। दिलचस्प बात है कि नाथन एंडरसन इजरायल में एंबुलेंस ड्राइवर का काम भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें भारी दबाव में काम करने में मजा आता है।

हैरी मार्कपोलोस को एंडरसन अपना रोल मॉडल मानते हैं। मार्कपोलोस एक एनालिस्ट हैं, जिन्होंने बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश किया था। ‘हिंडनबर्ग’ ने सितंबर 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक मेकल निकोला कॉर्प के खिलाफ बेट लगाई थी और भारी रकम जीती थी। हालांकि एंडरसन ने इस अमाउंट का खुलासा नहीं किया। उनका कहना है कि निकोला ने अपने टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट के बारे में निवशकों को धोखा दिया। निकोला ने एक वीडियो में दिखाया था कि उसका इलेक्ट्रिक ट्रक पूरी रफ्तार के साथ पहाड़ी पर चढ़ गया, लेकिन सच्चाई यह थी कि यह ट्रक पहाड़ी से लुढ़क गया था।

36 कंपनियों में गड़बड़ी को उजागर किया

पिछले साल अमेरिका का एक जूरी ने निकोला के फाउंडर त्रिवोर मिल्टन को निवेशकों को धोखा देने का दोषी करार दिया था। कंपनी को मामले का निपटारा करने के लिए अमेरिका के सिक्योरिटीज और एक्सचेंज कमीशन को 12.5 करोड़ डॉलर देने पड़े। निकोला जून 2020 में लिस्ट हुई थी और इसका वैल्यूएशन कुछ दिन बाद 34 अरब डॉलर पहुंच गया था। इसने फोर्ड मोटर्स को भी पीछे छोड़ दिया था। अब इसकी वैल्यूएशन 1.34 अरब डॉलर रह गई है। ‘हिंडनबर्ग’ का कहना है कि व्हिसलब्लोअर्स और कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने इस काम में उसकी मदद की।