सरस्वती शिशु मंदिर पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने DGP MP को पत्र लिखा

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Bhopal: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ सरस्वती शिशु मंदिर पर टिप्पणी करने के मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी के नाम लिखे पत्र मेंराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो लिखते हैं कि राज्य सभा सांसद द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी ‘सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चे नफरत का पाठ सीख कर दंगा करते हैं’ के संबंध में कार्रवाई करने का आग्रह है। पत्र में श्री कानूनगो ने लिखा है श्री दिग्विजय सिंह के इस कथन के खिलाफ प्राप्त शिकायत में बच्चों का कहना है कि उनके इस वक्तव्य से हमको बेहद आघात लगा है। हमारी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। हमारे आस पड़ोस के बच्चे हमारे साथ खेलने, मेलजोल करने में हिचकिचाते हैं एवं हमको दंगाई कहकर चिढ़ा रहे हैं। हम लोग दंगा नहीं करते हैं। हम लोग पढ़ाई करते हैं। हम आप सभी से यह कहना चाहते हैं कि हम कभी किसी से झगड़ा भी नहीं करते हैं, ना ही नफरत फैलाते हैं। हम अच्छे बच्चे हैं।
श्री कानूनगो ने अपने पत्र में लिखा है कि कथित तौर पर की गई उपरोक्त टिप्पणी सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के मान सम्मान और चरित्र को क्षति पहुंचाने की कोशिश प्रतीत होती है। श्री दिग्विजय सिंह द्वारा की गई टिप्पणी भारतीय दंड संहिता की धारा 153(A)ab, 504 505 का उल्लंघन प्रतीत होता है। उन्होंने पत्र में इस बारे में अन्य धाराओं का भी वर्णन किया है। पत्र में लिखा गया है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मामले में प्रकरण पंजीबद्ध विधि सम्मत जांच कर आयोग को जांच आख्या आवश्यक दस्तावेजों के साथ पत्र प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

देखिए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का मध्य प्रदेश के डीजीपी को कार्रवाई करने के लिए लिखा गया पत्र

SARASWATI VIDHYA MANDIR