Neck to Neck Fight : प्रदेश की इन सीटों पर कांटाजोड़ मुकाबले, तय नहीं नतीजा क्या होगा!
Bhopal : प्रदेश में एक ही फेज में 17 नवंबर को 230 सीटों पर वोटिंग होगी। इस हिसाब से प्रचार तेज हो रहा है। बड़े नेताओं के दौरे शुरू हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के दौरे बढ़ गए। लेकिन, जनता की खामोशी नेताओं की बेचैनी बढ़ा रही है। प्रदेश की 10 ऐसी विधानसभा सीट है जहां मुकाबला बेहद रोचक है। इन सीटों पर दिग्गजों की किस्मत दाव पर हैं लेकिन जनता को फैसला चौंकाने वाला रिजल्ट दे सकता है।
कांटा जोड़ मुकाबले वाली सीटों में धार जिले की बदनावर सीट है जहां कांग्रेस से भाजपा में आए राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का मुकाबला भाजपा से कांग्रेस में आने वाले भंवरसिंह शेखावत से है। इस विधानसभा सीट का मुकाबला बेहद रोचक स्थिति में है। इससे पहले वाले दो चुनावों में ये दोनों नेता एक-दूसरे को पटखनी दे चुके हैं।
इसी तरह इंदौर की क्षेत्र-1 सीट से भाजपा ने चौंकाने वाला फैसला करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव मैदान में उतारा। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला से है। इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है। कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के उन नेताओं में हैं, जो कभी चुनाव नहीं हारे हैं।
देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट पर भी इस बार कांटे की टक्कर है। यहां से भाजपा ने मनोज चौधरी को मैदान में उतारा, वहीं, कांग्रेस ने राजवीर सिंह बघेल को उम्मीदवार बनाया है। इसी जिले की खातेगांव सीट से भाजपा से आए कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सागर जिले की सुरखी विधानसभा से कांग्रेस ने भाजपा में आए और भाजपा से कांग्रेस में गए नेताओं के बीच जंग है। भाजपा ने यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता गोविंद राजपूत को चुनाव मैदान में उतारा, तो कांग्रेस ने नीरज शर्मा को टिकट देकर मुकाबला रोचक बना दिया।
छतरपुर की बिजावर विधानसभा सीट पर भी मुकाबला कांटे का है। यहां कांग्रेस ने चरण सिंह यादव को टिकट दिया। वहीं, भाजपा ने राजेश बबलू शुक्ला को उम्मीदवार बनाया टिकट दिया है। बबलू शुक्ला 2018 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। रतलाम जिले की आलोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। आलोट से प्रेमचंद गुड्डू के चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस ने यहां से मनोज चावला को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने यहां से चिंतामणि मालवीय को उम्मीदवार बनाया है।
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सिमरिया विधानसभा सीट से भाजपा ने मौजूदा विधायक केपी त्रिपाठी को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने अभय मिश्रा को। अभय मिश्रा चुनाव से पहले दो बार पार्टी बदलकर कांग्रेस में पहुंचे हैं। सिमरिया सीट में ब्राह्मण वोटर्स की आबादी अधिक है। दोनों पार्टियों से ब्राह्मण उम्मीदवार होने के कारण यहां मुकाबला रोचक हो गया।
सतना विधानसभा सीट से बीजेपी ने इस बार मौजूदा सांसद गणेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। गणेश सिंह चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। गणेश सिंह का मुकाबला यहां कांग्रेस के मौजूदा विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा से है। बीजेपी के बागी शिवा के कारण यहां मुकाबला रोचक हो गया है। शिवा चतुर्वेदी के बसपा से चुनाव लड़ने के बाद ब्राह्मण वोटर्स से झटकने का डर है। सीधी जिले की सिहावल विधानसभा सीट में भी मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां से कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को टिकट दिया।
धार विधानसभा में भी इस बार मुकाबला ऐसा है कि माहौल समझ नहीं आ रहा। भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा की पत्नी नीना गौतम को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। जबकि, उनके टिकट का विरोध करते हुए भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव यादव ने निर्दलीय परचा भर दिया।
उनके सामने कांग्रेस ने प्रभा गौतम को उतारा है। यहां भी बगावत हुई और कांग्रेस के पदाधिकारी कुलदीप बुंदेला निर्दलीय मैदान में उतर गए। दोनों तरफ से बगावत मुकाबला रोचक हो गया है।