NEET-UG Exam Case : ‘नीट यूजी’ परीक्षा में बिजली गुल होने के मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई टली, अब 5 जून को होगी!

केस अधिक होने से याचिका की सुनवाई का नंबर नहीं आ सका!

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NEET-UG Exam Case : ‘नीट यूजी’ परीक्षा में बिजली गुल होने के मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई टली, अब 5 जून को होगी!

Indore : बिजली गुल होने से कई छात्र ‘नीट यूजी’ की परीक्षा से वंचित रह गए थे। इस मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होना थी, लेकिन केस अधिक होने से याचिका की सुनवाई का नंबर नहीं आ सका। अब 5 जून को मामले में सुनवाई की जाएगी। सुनवाई में पता चला कि कोर्ट द्रारा छात्रों को रि-एग्जाम का मौका दिया जाता है या नहीं। याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर रिजल्ट की तारीख आगे बढ़ाने और तेज आंधी, बारिश के कारण बिजली गुल होने के फुटेज उपलब्ध कराने की मांग की। गुरुवार की सुनवाई में इन आवेदनों पर भी बहस होना थी।

इससे पहले 26 मई को सुनवाई हुई थी, जिसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअल उपस्थित हुए थे। उन्होंने एनटीए की ओर से तो एडवोकेट ने याचिकाकतार्ओं की ओर से रिजॉइंडर पेश किया था। इसके बाद एनटीए ने समय मांगा था। इस सुनवाई से पहले एनटीए ने जांच समिति बनाने को कहा था, एक रिपोर्ट भी दी थी। कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले एनटीए की ओर से भारत के सॉलिसिटर वर्चुअल अपीयर हुए और हाईकोर्ट से समय मांगा था।

नीट यूजी का रिजल्ट 14 जून को आना संभावित है। एनटीए ने पहले पेश किए जवाब में कहा था कि इंदौर के 24 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई है। लेकिन, 26 मई को पेश किए जवाब में कहा कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई। इन सेंटर पर 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। इंदौर से इस बार 27 हजार स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी, जिसके लिए इंदौर में 49 सेंटर बनाए गए थे।

 

इंदौर-उज्जैन से करीब 60 याचिकाएं लगाई गई

एडवोकेट ने बताया कि “नीट यूजी’ मामले में इंदौर-उज्जैन की 60 याचिकाएं हो गई। इंदौर में दो घंटे तक लाइट गुल रही। जबकि, उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली बाधित हुई। हमने हाईकोर्ट से मांग की है कि इन सेंटर पर परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स में से जो चाहें उन्हें दोबारा मौका दिया जाए, जिससे छात्रों को सही मौका मिल पाए और वे अपनी क्षमता का परिचय दे सकें। एनटीए की ओर से जवाब देते हुए मेहता ने कहा था कि हमने बहुत ही अच्छे और शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा का आयोजन किया है।

एनटीए ने अपने जवाब में यह बात मानी भी है कि कई सेंटर पर 10 मिनट से 1 घंटे 10 मिनट तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। हम कमेटी बनाकर ये निर्णय लेंगे कि हमें दोबारा परीक्षा कराना है या नहीं। आगे की पूरी प्रक्रिया कमेटी तय करेगी। कोर्ट ने 15 मई को रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। मामले में 24 से ज्यादा सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं, इनकी मांग है कि री-एग्जाम कराई जाए।

 

पिछली सुनवाई में एनटीए ने पेश किया था जवाब

पिछली सुनवाई में एनटीए ने बताया था कि परीक्षा केंद्रों पर हमने कैंडल और जनरेटर के माध्यम से लाइट की व्यवस्था की थी। चूंकि समर सीजन में परीक्षा आयोजित हुई थी। पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था थी इसलिए कोई असुविधा नहीं हुई, जबकि, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ऐसे 25 सेंटर ऐसे हैं, जहां परीक्षार्थियों का एग्जाम प्रभावित हुआ है। 26 मई की सुनवाई में एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीसी के जरिए पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि यदि पूरा रिजल्ट रोका गया, तो सैकड़ों छात्र प्रभावित होंगे। बिजली गुल होने से प्रभावित 11 सेंटर की रिपोर्ट पर 2 दिन में जवाब पेश कर देंगे। तब हाईकोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए थे। इन सभी को 30 जून तक जवाब पेश करना है।