NEET-UG Paper Leaked Case : CBI ने ‘मास्टर माइंड’ और 2 MBBS छात्रों को पकड़ा!
New Delhi : शनिवार को NEET-UG पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इस कांड के मास्टर माइंड और एमबीबीएस के दो स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया। ये दोनों छात्र सॉल्वर के रूप में काम करते थे। इनकी पहचान कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार के रूप में हुई। दोनों भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं।
तकनीकी निगरानी ने नीट-यूजी परीक्षा के दिन हजारीबाग में सेकेंड ईयर के एमबीबीएस छात्र मंगलम बिश्नोई और फर्स्ट ईयर के मेडिकल छात्र दीपेंद्र कुमार शर्मा की मौजूदगी की पुष्टि की। अफसरों का कहना है कि ये दोनों कथित तौर पर पंकज कुमार नामक इंजीनियर की ओर से चुराए गए पेपर के लिए सॉल्वर के रूप में काम कर रहे थे, जिसे पहले गिरफ्तार किया जा चुका है।
इसके तार NIT जमशेदपुर तक जुड़े
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी जमशेदपुर (झारखंड) के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य ने कथित तौर पर हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से नीट-यूजी पेपर चुराया था। एनआईटी, जमशेदपुर से बी-टेक (इलेक्ट्रिकल) पासआउट शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासु इस खेल में कुमार और रॉकी के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
अरेस्ट हुई थी मेडिकल की छात्रा
शुक्रवार (19 जुलाई) को सीबीआई ने रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईआईएमएस) की एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा सुरभि कुमारी को कथित तौर पर सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की ओर से दो दिनों की विस्तृत पूछताछ के बाद सुरभि को हिरासत में लिया गया।
कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
पेपर लीक सहित मेडिकल प्रवेश परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट पेपर लीक सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। नीट-यूजी का आयोजन एनटीए की ओर से सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस और बीडीए, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए किया जाता है। इस साल यह परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 एग्जाम सेंटरों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे।