कुपोषित बच्चों की जांच और शारीरिक माप में लापरवाही, लगातार निरंक रिपोर्ट ने आयुक्त को चौंकाया
भोपाल: महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक विभाग के निर्देश केवल कागजी खानापूर्ति कर पूरा कर रहे है। आंगनबाड़ियों में जन्म से छह वर्ष तक के सभी बच्चों का निरंतर माप लेने और कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करने के निर्देश है। लेकिन प्रदेश के कई पर्यवेक्षक इसको लकर लगातार निरंक रिपोर्ट दर्ज कर रहे है। पिछले कई महीनों की रिपोर्ट का विश्लेषण किए जाने पर लगातार निरंक रिपोर्ट ने विभाग के आयुक्त को चौका दिया। अब ऐसी रिपोर्ट पर विभाग ने कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए है।
बच्चों में कुपोषण निवारण और सुपोषित मध्यप्रदेश की अवधारणा को क्रियान्वित करने के लिए जन्म से छह वर्ष तक के सभी बच्चों का निरंतर शारीरिक माप लेकर उनके वजन एवं लंबाई उंचाई की जांच कर कुपोषण का चिन्हांकन अत्यंत आवश्यक है। महिला एवं बाल विकास विभाग के इस फरमान का आंगनबाड़ियों की मैदानी टीम पालन नहीं कर रही है। हर माह 11 तारीख से अगले दस कार्यरिवसों में मासिक शारीरिक माप दिवसों का आयोजन होना है लेकिन पिछले कई महीनों से इन दिवसों का योजनाबद्ध तरीके से आयोजन ही नहीं हो रहा है। कई पर्यवेक्षक सेक्टर में एसएएम और एमएएम बच्चों की रिपोर्ट लगातार निरंक दर्ज करा रहे है जो कि व्यवहारिक नहीं है। कागजी खानापूर्ति पर विभाग के आयुक्त रामाराव भोसले ने नाराजगी जताई है।
अब निरंक रिपोर्ट दर्ज की तो थर्ड पार्टी करेगी जांच-
महिला एवं बाल विकास आयुक्त ने विभाग के सभी वरिष्ठ अफसरों को निर्देश जारी किए है कि अब यदि जिलों से बच्चों की एसएएम और एमएएम रिपोर्ट निरंक आती है तो इन आंकड़ों की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी या सहयोगी पार्टनर से कराई जाएगी। यदि रिपोर्ट में कोई बदलाव मिलता है तो निरंक रिपोर्ट भरने वाले पर्यवेक्षक और अन्य दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
वरिष्ठ अफसर खुद करेंगे दौरे, देखेंगे काम सही हुआ या नहीं-
मई महीने में मासिक शारीरिक माप दिवसों के दौरान संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारी खुद आंगनबाड़ियों का दौरा करेंगे और केन्द्रों पर शारीरिक माप गतिविधियों की निगरानी करेंगे। इसके लिए भ्रमण प्लान और कार्ययोजना पहले से देना होगा। प्रत्येक दिवस संभागीय संयुक्त संचालक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किए गए भ्रमण की आंगनबाड़ीवार जानकारी भी संचालनालय को भेजना होगा। आंकड़ों की शुद्धता और सत्यता की पुष्टि रिपोर्टिंग से पहले जिला एवं संभाग स्तर से भी सुनिश्चित की जाएगी।
देखभाल कर्ता को भी मिलेगी जानकारी- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केन्द्रों के सभी जन्म से लेकर छह वर्ष तक के बच्चों की सूची तैयार कर कुल बच्चों में से हर दिन अधिकतम पंद्रह बचें का ही गुणवत्तापूर्ण शारीरिक काप लेकर बच्चों की देखभाल करने वाले देखभालकर्ता को भी इसकी जानकारी देंगे।
वास्तविक जानकारी उसी दिन ट्रैकर एप और एमपीआर में दर्ज होगी-
शारीरिक माप दिवसों के दौरान प्रत्येक दिवस में शारीरिक माप की वास्तवित जानकारी उसी दिन कार्यकर्ता द्वारा पोषण ट्रेक्र एप में दर्ज की जाएगी और रिपोर्र्टेड आंकड़ों की हर माह एमपीआर में प्रविष्ट आंकड़ों से एकरुपता सुनिश्चित की जाएगी।
आंगनबाड़ी विहीन क्षेत्रों में भी होगी जांच-
जिन क्षेत्रों में आंगनबाड़ियां नहीं है वहां भी सभी बच्चों की कार्ययोजना बनाकर शारीरिक माप लिया जाएगा ताकि कोई भी कुपोषित बच्चा आंगनबाड़ी की सेवाओं से वंचित नहीं रहेगा।