भोपाल. प्रदेश में निराश्रित, वृद्ध, दिव्यांग सहित अन्य जरुरतमंदों को बट रही बारह तरह की पेंशन वितरण में गंभीर अनियमितताएं सामने आई है। मृतकों के खातों में भी राशि जमा हो रही थी। इसको लेकर सामाजिक न्याय आयुक्त ने मैदानी अफसरों को जमकर फटकार लगाई है। सारे खातों की जांच कर मृतकों के बैंक खातों में जमा राशि को निकलवाकर सरकारी खजाने में जमा करने के निर्देश दिए गए है। इससे जिलों में हड़कंप मच गया है।
सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत केन्द्र सरकार की इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी नि:शक्त पेंशन और राज्य शासन की समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन, मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन, वृद्धाश्रम में निवासरत अंत:वासी, कन्या अभिभावक पेंशन योजना तथा छह वर्ष से अधिक आयु के मानसिक बहुविकलांगों को आर्थिक सहायता के तहत बारह प्रकार की पेंशन योजनाओं का आॅन लाईन क्रियान्वयन एनआईसी द्वारा विकसित पेंशन पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है।
आयुक्त की जानकारी में आया है कि पेंशन योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों की मृत्यु होंने के बाद भी उनके बैंक खातों में पेंशन राशि जमा हो रही है। यह लापरवाही इसलिए हो ही है क्योंकि निकायों में हितग्राहियों का वास्तवित सत्यापन नहीं हो रहा है।
संचालनालय के उप अंकेक्षक द्वारा अधिकांश जिलों में किये गये आॅडिट के दौरान अवगत कराया गया कि भारत सरकार की सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित विभिन्न सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के अंतर्गत पूर्व के वित्तीय वर्षो की जिला, निकाय, जनपदों में प्रशासकीय मद की राशि तथा पूर्व वित्तीय वर्षो की पेंशन राशि बैंक तथा पोस्ट आफिसों में निकायों द्वारा राशि आहरण कर रखी गई है जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आती है। इस पर महालेखाकार ग्वालियर ने भी आॅडिट आपत्ति दर्ज कराई है।
नहीं हो पाता आपत्तियों का निराकरण
समय पर कार्यवाही नहीं होंने के कारण लोक लेखा समिति की आपत्तियों का निराकरण भी नहीं हो पा रहा है जिसके कारण विधानसभा की समिति के समक्ष साक्ष्य के लिए उपस्थित होना पड़ता है।
आयुक्त ने इस पर जिलों के कलेक्टर, आयुक्त नगर निगम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पर अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा है कि ऐसी स्थितियां निर्मित न हो इसका उततरदायित्च संबंधित जिलों के अफसरों का होगा.
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जांच के निर्देश-
उन्होंने बारह प्रकार की पेंशन ले रहे हितग्राहियों के बैंक खातों की जांच करने का निर्देश दिया है कि हितग्राही की मौत को एक माह से अधिक का समय हो गया हो तो उसके परिवार से सपर्क कर जांच कर ली जाए कि मृतक के बचत खाते में पेशन की राशि कब-कब कितनी जमा हुई या नहीं। इसके बाद बैंक में जाकर पुष्टि करे और मृतक के खाते में जमा पेंशन राशि और पूर्व वर्षो की प्रशासकीय मद की मूल राशि और ब्याज कीराशि निकालकर शासन के खाते में जमा कराए। चालान के माध्यम से यह राशि जमा कराई जाए ताकि महालेखाकार के आडिट आपत्तियों का निराकरण कराया जा सके।