भोपाल: प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में नगदी और अन्य सम्पत्तियों के भौतिक सत्यापन की कार्यवाही समय पर नहीं हो पाने से संस्थाओं के लाभ-हानि की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित नहीं हो पा रही है।
वहीं दूसरी ओर अमानत में खयानत करने तथा संस्था की सम्पत्ति को हानि पहुंचाने के लिए उत्तरदायी संस्था कर्मचारियों पर समय सीमा में कार्यवाही नहीं हो पा रही है। मैदानी अफसरों की इस लेटलतीफी पर सहकारिता आयुक्त ने नाराजगी जताई है और सभी जिलों के अधिकारियों को सहकारी संस्थाओं की नगदी और सम्पत्ति का तत्काल भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए है।
सहकारिता आयुक्त के ध्यान में यह जानकारी आई है कि समय पर सहकारी संस्थाओं की नगदी और सम्पत्तियों का भौतिक सत्यापन नहीं हो पाने से संस्था की सम्पत्ति को हानि पहुंचाने के लिए उत्तरदायी संस्था कर्मचारियों को पहचान पाना मुश्किल हो रहा है और उनके विरुद्ध कार्यवाही भी समय पर नहीं हो पा रही है।
सभी संयुक्त आयुक्त और उप आयुक्त अंकेक्षण सहकारिता को कहा गया है कि सत्यापन के कार्य का कड़ाई से पालन किया जाए। भौतिक सत्यापन के लिए यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सत्यापन कार्य में कार्यपालिक कर्मचारियों के साथ लिपिकीय कर्मचारियों को भी संलग्न किया जाए जिसेस कम समय में अधिकाधित संस्थाओं का भौतिक सत्यापन सम्पन्न हो सके।
अंकेक्षण अधिकारी बदलें-
जिस अंकेक्षक द्वारा वर्ष 20-21 में संस्था का अंकेक्षण किया गया है उसके स्थान पर अन्य कर्मचारी को निर्देशित करे तथा 31 मार्च 2022 से 10 अप्रैल 2022 तक प्रत्येक संस्था का भौतिक सत्यापन संपन्न कराकर इसका प्रमाणपत्र भी मुख्यालय को भेजा जाए। भौतिक सत्यापन के कार्यक्रम मे सबसे पहले कार्यशील संस्थाओं का आबंटन करते हुए आबंटन के निर्देश इस तरह दिए जाए कि औचक भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया भी अपनाई जा सके जिससे और अधिक प्रभावी तरीके से भौतिक सत्यापन सम्पन्न हो सक ता है।
औचक निरीक्षण भी करे-
जिला अधिकारियों को कहा गया है कि वे इस काम का औचक निरीक्षण भी करें जिसमें प्रत्येक अंकेक्षक तथा प्रत्येक वर्ग की संस्थाएं सम्मिलित हो ऐास कार्यक्रम निर्धारित कर मुख्यालय को भी अवगत कराएं। भौतिक सत्यापन की जानकारी भी निर्धारित प्रारुप में भेजी जाए वर्ना कार्यालय में प्रतिवेदन स्वीकार नहीं किए जाएं्रगे। कमियों के संबंध में वित्तीय पत्रकों में उचित लेखांकन होंने की स्थिति में ही निर्गमन किया जाएगा।