छतरपुर: जिला मुख्यालय में एक अस्पताल ऐसा भी चलाया जा रहा था जिसके संचालक के पास ना ही मानक डिग्री थी और ना ही उच्च शिक्षा प्राप्त की हुई थी फिर भी बीच शहर में धड़ल्ले से यह अस्पताल चला कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था, जहां CMOH समेत प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने मौके पर जाकर दस्तावेजों की जांच की और अस्पताल को बंद करा दिया। यहां भर्ती मरीजों को सरकारी जिला अस्पताल में शिफ्ट कराया गया है।
शहर के बीचोबीच इतनी बड़ी घोर लापरवाही और जिला प्रशासन की नाक के नीचे लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने का यह व्यापार एक लंबे अरसे से चलाया जा रहा था। मध्यप्रदेश के जबलपुर में गत रोज एक निजी अस्पताल में बड़ी लापरवाही के चलते अस्पताल धू-धू कर जल गया था जिसमें अनेक मरीजों की जान चली गई थी।
मध्य प्रदेश शासन के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के सभी जिलों के निजी अस्पतालों दस्तावेजों और मौके का परीक्षण कराने के आदेश जारी किए थे। इसी प्रत्याशा में छतरपुर जिला मुख्यालय में भी निजी अस्पतालों को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, क्योंकि अंजली हॉस्पिटल के पास मानक दस्तावेज नहीं मिले और उन्होंने कोई जवाब भी नहीं दिया।
जिस पर सीएमएचओ लखन तिवारी सिविल सर्जन एवं प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर अस्पताल को बंद कराया है।