Nepali Beer : सांसद ने नेपाली बियर को अनुमति की मांग उठाई!
Indore : अपनी बयानबाजी से चर्चा में रहने वाले सांसद शंकर लालवानी ने अब एक नया मुद्दा उठा दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से नई आबकारी नीति में नेपाली बियर को शामिल करने का आग्रह किया है। नेपाली संस्कृति परिषद (अंतरराष्ट्रीय) के राष्ट्रीय सचिव शैलेश गुरुंग ने सांसद को इस संबंध में ज्ञापन देकर मांग की थी। उनकी मांग कितनी सही है, पर उनकी ये मांग शराब नीति में नया पेंच डालने वाली तो है।
राज्य सरकार की हेरिटेज शराब नीति से प्रभावित होकर इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने नेपाली बियर को नई शराब नीति में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इसके लिए एक पत्र लिखा और कहा कि नई आबकारी नीति में नेपाली बियर को भी जोड़ा जाए। वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सांसद का पत्र मिला है, शासन इस पर विचार कर रहा है।
लालवानी ने कहा है कि नई आबकारी नीति में आदिवासी स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित महुआ शराब की तरह नेपाली बियर को सम्मिलित करने से इस वर्ग के लोगों को विधिमान्य तरीके से इसके निर्माण एवं व्यापार की अनुमति मिल सकेगी। राज्य सरकार बियर को मान्यता देती है, तो इस समाज के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे।
नेपाली समुदाय की अनीता थापा ने बताया कि मप्र में नेपालियों की संख्या करीब साढ़े चार लाख है, जिसमें से 80 प्रतिशत नेपाली गुरु पूर्णिमा, दीपावली, दशहरा एवं होली में नेपाली बियर का निर्माण करते हैं और उसे अपने समाज के लोगों को ही परोसते हैं।
चावल, जड़ी-बूटियों वाली बियर
यहां का एक ब्रांड छांग (तिब्बती) धुंधले रंग की कम अल्कोहल वाली मदिरा है, जिसे नेपाली बियर कहा जाता है। यह हल्की होती है, लेकिन नशा जरूर करती है। नेपाली लोग इसे अपने मेहमानों को प्रस्तुत करते हैं। नेपाली बियर ज्यादातर चावल से बनाई जाती है, जिसमें जड़ी-बूटियों का भी इस्तेमाल होता है।