New Acharya of Mohankheda Jain Tirtha : मोहनखेड़ा जैन तीर्थ के आचार्य पद पर मुनिश्री हितेषचंद्र विजयजी आसीन होंगे!

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New Acharya of Mohankheda Jain Tirtha : मोहनखेड़ा जैन तीर्थ के आचार्य पद पर मुनिश्री हितेषचंद्र विजयजी आसीन होंगे!

मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट

Manawar (Dhar) : 25 जनवरी को राजस्थान के भीनमाल में मनावर दादावाडी के प्रेरणा स्रोत मालव केसरी मुनिश्री हितेषचंद्र विजयजी को आचार्य पद ग्रहण कराया जाएगा। यह पद आचार्य ऋषभचंद्र विजयजी के देवलोकगमन से रिक्त हुआ था। श्वेतांबर जैन श्री संघ मनावर के अध्यक्ष प्रवीण खटोड़ ने बताया कि मनोनीत आचार्य मुनिश्री हितेषचंद्र विजयजी के पद ग्रहण समारोह में मनावर दादावाड़ी ट्रस्ट और श्री संघ के सभी पदाधिकारी सदस्य शामिल होंगे।

मालव केसरी पाटोत्सव समिति के अनुसार भीनमाल में 21 जनवरी से पाटोत्सव महोत्सव में पंचाक्षर की शुरुआत प्रारंभ होगी। 25 जनवरी को मुनिश्री हितेषचंद्र विजयजी को गच्छाधिपति आचार्य पद से अलंकृत किया जाएगा। इस पाटोत्सव महोत्सव में शामिल होने के लिए देशभर के श्री संघों को आमंत्रित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 54 वर्षीय हितेषचंद्र विजयजी की दीक्षा वर्ष 1987 में भीनमाल में ही हुई थी। उनके गुरु ज्योतिषाचार्य जयप्रभ विजयजी ने उन्हें दीक्षा दिलाई थी। जबकि, उनके छोटे भाई मुनिश्री दिव्यचंद्र विजयजी की दीक्षा मनावर में हुई। हितेषचंद्र विजयजी अभी तक विभिन्न प्रांतों की 40 हजार किलोमीटर की पैदल विहार यात्रा कर चुके हैं। उन्हें मालव केसरी, शासन रत्न, प्रवचन मार्तंड, संघ समन्वयक आदि मानद उपाधियों से नवाजा गया है।

मनावर सहित विभिन्न प्रांतों में हुए उनके चातुर्मास में सामाजिक एकता का तानाबाना मजबूत हुआ है। उनके प्रवचनों में जैन समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी उत्साह से शामिल होते हैं। मुनिश्री दिव्यचंद्र विजयजी ने बताया कि आगामी मार्च अप्रैल में आचार्य बनने के बाद उनका निमाड़ मालवा की यात्रा पर विहार हो सकता हैं।