MP के शहरों के लिए लागू होगा नया बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम, 50 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान

भवन निर्माता और कॉलोनाइजर को नहीं लगाना पड़ेंगे कार्यालयों के चक्कर

720
6th pay scale

MP के शहरों के लिए लागू होगा नया बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम, 50 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान

भोपाल. प्रदेश के नगरीय निकायों मे अब और अधिक बेहतर बिल्डिंग एप्रूवल प्लान सिस्टम लागू किया जाएगा। यह आटोमेटेड बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम कहलाएगा। मौजूदा सिस्टम एबी पास 2 समाप्त हो गया है। अब नया सिस्टम एबी पास 3.0 शुरु किया जाएगा। इसे पहले मंत्रिपरिषद के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा इसके बाद इसे पूरे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम का प्रस्ताव पूरी तरह तैयार है। इसे इसी पखवाड़े में चर्चा के लिए कैबिनेट बैठक में लाया जा सकता है। यह सिस्टम ज्यादा बेहतर सुविधाजनक और सरल होगा। इसमें प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में कॉलोनी बनाने वाले कॉलोनाइजर से लेकर आमजन भी व्यक्तिगत रुप से उपयोग कर सकेंगे। इसमें कॉलोनी पंजीयन , भवन बनाने की अनुमति और भवन पूर्णता प्रमाणपत्र जैसे फीचर भी उपलब्ध होंगे। इससे भवन निर्माण की प्लांनिंग से लेकर भवन निर्माण की अनुमति देने और भवन के पूर्ण होंने की मानीटरिंग की जा सकेगी। सारी अनुमतियां आॅनलाईन मिल सकेगी।

इस नये सिस्टम के लिए पचास करोड़ रुपए का बजट प्रावधान भी किया जाएगा। इसे प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लागू करने की तैयारी है। इससे अन्य विभागों को भी जोड़ा जाएगा। इसमें राजस्व विभाग, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को भी तकनीकी रुप से जोड़ा जाएगा ताकि उनके डॉटा का भी उपयोग किया जा सके। नेशनल अरबन डिजिटलाईजेशन मिशन के तहत यह सब होंने जा रहा है। अभी प्लान में बीच में किसी तरह के परिवर्तन की सुविधा नहीं थी लेकिन इस सिस्टम में कॉलोनी विकास या भवन निर्माण के दौरान जरुरत के मुताबिक बीच में संशोधन करने की सुविधा भी मिल सकेगी।

काम होंगे आसान

ऑटोमेटेड बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम से कॉलोनाइजर और आम जनता जो भवन निर्माण करना चाह रहे है उन्हें विभिन्न अनुमतियों के लिए नगरीय निकायों के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर आवेदन करने और दस्तावेज अपलोड करने के साथ ही अनुमतियां मिलती जाएंगी और इससे नगरीय निकायों के अफसर भी समय-समय पर कामों की मानीटरिंग कर सकेंगे और भवन निर्माता और कॉलोनाइजर को हर काम के लिए फिजिकली कार्यालयों के चक्कर लगाने से निजात मिल सकेगा।