New CDS : रावत की जगह नरवणे हो सकते हैं नए CDS
New Delhi : आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Lt Gen Manoj Mukund Naravane) को देश का अगला सेना प्रमुख (CDS) बनाया जा सकता है। नरवणे ने इसी साल सितंबर में भारतीय सेना में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (Vice Chief of Army Staff) का पद ग्रहण किया था। उन्होंने तब लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबु की जगह ली थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक के बाद कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी का नाम घोषित कर सकती है। अटकलें हैं कि मौजूदा आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे को अगला CDS बनाया जा सकता है। CCS की बैठक में हालांकि, इसे लेकर कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई। सभी सदस्यों ने हेलीकॉप्टर में जान गंवाने वाले जवानों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने इस साल 30 सितंबर और नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 नवंबर को ही अपने पद संभाले हैं। आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अगले साल अप्रैल माह में रिटायर होने वाले हैं। संशोधित सैन्य नियमों के मुताबिक, CDS 65 साल की उम्र पूरी होने तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं। बाकी तीनों सेना प्रमुख या तो 62 साल की उम्र तक या फिर अधिकतम तीन सालों तक अपने पद पर रह सकते हैं। संभावनाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे सीनियर और अनुभवी व्यक्ति को चुना जा सकता है।
इस लिहाज से नौसेना अधिकारी एडमिरल करमवीर सिंह सबसे जूनियर हैं। थल सेना और वायुसेना के प्रमुख में से थल सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे और वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल विवेक राम चौधरी हैं। इन दोनों में भी अगर अनुभव और सीनियरिटी में नरवणे की दावेदारी सबसे पुख्ता है। नरवणे 60 साल के हो चुके हैं। उन्हें जनरल बिपिन रावत के बाद सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। नरवणे मिलिट्री वारफेयर के सबसे बड़े जानकार हैं।
जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के कमांड के लिए नरवणे को ‘सेना मेडल’ (विशिष्ट) और नागालैंड में असम राइफल्स (उत्तर) के इंस्पेक्टर जनरल के रूप में सेवाएं देने के लिए ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। नरवणे को 2019 में परम विशिष्ट सेवा मेडल, 2017 में अति विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जा चुका है। नरवणे को पेंटिंग, योग और बागवानी का भी शौक है। नरवणे पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी माहौल में सक्रिय रहे हैं। इसके अलावा नरवणे श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान भारतीय शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं।