

New Colleges: MP में खुलेंगे 77 नये कालेज, फैकल्टी के तलाश में जुटे संचालक
भोपाल:सूबे में आगामी सत्र 2025-26 के लिए 77 नए निजी कॉलेज स्थापित होंगे। इसके लिऐ उच्च शिक्षा विभाग में आवेदन जमा हो गए हैं। इसमें 16 कालेज लॉ और 61 कालेज पारंपरिक कोर्स के कालेज शामिल हैं। भोपाल में दो लॉ और पांच पांरपरिक कालेजों का संचालन होगा।
बीयू ने फैकल्टी के अभाव में पूर्व में संचालित कालेजों की संबद्धता पर सख्ती कर रखी है। कुछ कालेजों को वर्तमान सत्र 2023-24 की संबद्धता अभी तक जारी नहीं की गई है। नये कालेजों को अपनी फैकल्टी को मापदंड के मुताबिक रखना होगी। बीयू ने आठ जिलों से कोड 28 के तहत पूरी जानकारी मांगी है, जिससे देने में कालेज आनाकानी कर रहे हैं। क्योंकि उनके पास योग्य फैकल्टी नहीं है। नये कालेजों के लिऐ संचालक फैकल्टी तलाश रही है। भोपाल में दो लॉ कालेज और पांच पारपंरिक कालेज भी बीयू पहुंच गए हैं। उन्होंन संबद्धता के लिऐ आवेदन कर दिया है। नये कालेजों का बीयू भौतिक निरीक्षण कराएगा। इस दौरान कालेजों को फैकल्टी के साथ प्राचार्य और अन्य स्टाफ भी दिखाना होगा, जो उनके पास मौजूद नहीं हैं। हालांकि उक्त प्रक्रिया में काफी समय शेष है। इसलिये सोसायटी फैकल्टी सर्च करने में लगी हुई है। कुछ कालेजों से स्टाफ और फैकल्टी की नियुक्ति करने के लिऐ विज्ञापन तक जारी कर दिए हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में नवीन निजी कालेज, नये कोर्स, नवीन विषय शुरू करने एवं पूर्व में संचालित निजी कॉलेजों में संचालित कोर्सेस की निरंतरता के लिए पूर्णत आॅनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अनुमति अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसके लिए संबंधी मार्गदर्शिका कार्यालय द्वारा जारी की गई है, जो विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
हर जिले का कालेज करेगा लीड
विभाग ने प्रदेश के हरेक जिले के लीड कालेज को निरीक्षण का दायित्व दिया है। भोपाल में हमीदिया कॉलेज को आने वाले कालेजों का दायित्व दिया है। इसमें कॉलेज स्वयं के भवन में संचालित होता है या किराए के। कॉलेज को संचालित करने वाली समिति के नाम पर उपलब्ध कुल भूमि, खसरा क्रमांक भूमि का डायवर्सन किस प्रयोजन के लिए स्वीकृत है परिसर में उपलब्ध भवनों की कुल संख्या, कुल निर्मित एरिया प्राचार्य कक्ष, व्याख्यान कक्ष, कार्यालय कक्ष, स्टॉफ कक्ष, स्पोर्ट कक्ष आदि की संख्या छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, दिव्यांग के लिए रैम्प, शौचालय हैं या नहीं।