
Kattiwada में पर्यटन की नई सुबह:राजपरिवार की पहल से बदल जाएगी पहचान
– राजेश जयंत
ALIRAJPUR: मध्यप्रदेश के पश्चिमी सीमांत अलीराजपुर जिले का कट्ठीवाड़ा, जो कभी अपनी शाही विरासत और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध रहा है, अब एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। राणा Kattiwada Foundation और Kattiwada royal family ने मिलकर यहां पर्यटन विकास की एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल की है, जो आने वाले वर्षों में इस छोटे से कस्बे की सूरत और सीरत दोनों को बदलने वाली है।

राजपरिवार की इस घोषणा के अनुसार, कट्ठीवाड़ा के पोलो ग्राउंड क्षेत्र में अगले दो वर्षों के भीतर अनेक आधुनिक और सांस्कृतिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसमें नया बाज़ार, आकर्षक रेस्टोरेंट, भव्य मंदिर परिसर, ऐतिहासिक संग्रहालय, 100 फीट ऊंचा घंटाघर, व्यायाम पथ और विशाल लॉन, साथ ही खेलकूद की विविध सुविधाएं शामिल होंगी। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन और रोजगार के अवसर पैदा करना है, बल्कि कट्ठीवाड़ा को मध्यप्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना भी है।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि बच्चों को कई वर्गों में मुफ़्त प्रवेश दिया जाएगा, जबकि वयस्कों को मामूली शुल्क पर सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही एक “क्लब सदस्यता कार्यक्रम” शुरू किया जा रहा है, जिसमें सीमित स्लॉट उपलब्ध होंगे। पहले 100 साइन-अप करने वाले नागरिकों को विशेष लाभ दिए जाएंगे। योग्यता और सदस्यता प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी फाउंडेशन की आगामी घोषणा में साझा की जाएगी।

कट्ठीवाड़ा राजपरिवार का यह प्रयास क्षेत्र की गौरवशाली परंपरा को आधुनिक स्वरूप में प्रस्तुत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। फाउंडेशन का मानना है कि “पर्यटन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का माध्यम भी है।”
स्थानीय नागरिकों और युवाओं के लिए यह पहल नई ऊर्जा लेकर आई है। इस परियोजना से क्षेत्र में न केवल पर्यटन बढ़ेगा बल्कि रोजगार, हस्तशिल्प, होटल उद्योग और स्थानीय उत्पादों को भी नई पहचान मिलेगी।

राणा कट्ठीवाड़ा फाउंडेशन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने सुझाव और प्रतिक्रियाएं इंस्टाग्राम लिंक या राणा दिग्वियसिंह के व्हाट्सएप नंबर पर साझा करें, ताकि यह पहल जनभागीदारी के साथ और भी सशक्त रूप ले सके।

कट्ठीवाड़ा, जो कभी 1434 में स्थापित रियासत के रूप में अपने राजसी इतिहास के लिए प्रसिद्ध था, अब आधुनिक पर्यटन और सांस्कृतिक नवजागरण का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह पहल न केवल इतिहास को नया जीवन देगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।





