New Excise Policy: शराब की 47 दुकानें होगी बंद, 500 करोड़ के राजस्व की हानि!

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New Excise Policy: शराब की 47 दुकानें होगी बंद, 500 करोड़ के राजस्व की हानि!

धार्मिक शहर ड्राय जोन नहीं, तय मात्रा में शराब लेकर चलने और उसके उपयोग पर कोई पाबंदी नहीं!

भोपाल. मध्यप्रदेश के 19 शहरी और ग्रामीण धार्मिक स्थलों पर नई आबकारी पॉलिसी में शराब की 47 दुकानों को बंद करने से सरकार को बीस फीसदी वृद्धि के हिसाब से अगले साल मिलने वाला पांच सौ करोड़ का राजस्व नहीं मिल पाएगा। धार्मिक शहरों में सरकार ने शराब की बिक्री पर रोक लगाई है लेकिन इन्हें ड्राईजोन घोषित नहीं किया है। इसके चलते यहां तय मात्रा में शराब लेकर चलने और उसके उपयोग पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। धार्मिक शहर उज्जैन में कालभैरव पर प्रसाद के रुप में शराब चढ़ाने के लिए लाने पर भी कोई पाबंदी नहीं रहेगी।

मध्यप्रदेश में अभी विहस्की की चार बोतल, देशी शराब की सात बोतल, वाइन की छह बोतल और बीयर की बारह बोतल लेकर चलने और उपयोग करने पर छूट है। यह छूट धार्मिक शहरों में भी बनी रहेगी। इसे रोकने के लिए सरकार को एक अध्यादेश जारी कर इन धार्मिक स्थलों को ड्राय जोन घोषित करना था। ऐसा करने पर ही धार्मिक स्थलों पर शराब के परिवहन और उपयोग पर भी धार्मिक शहरों में रोक लग सकती है। वहीं शराब का सेवन कर वाहन चलाने पर भी एक सीमा तक ब्रेथ इन्लाइजर से की जाने वाली जांच में छूट है। वह छूट भी इन धार्मिक शहरों में रहेगी।

शराब की जो 47 दुकाने धार्मिक शहरों में बद रखी जाएंगी उनकी कीमत वर्तमान में 395 करोड़ रुपए है बीस प्रतिशत इजाफे के बाद आबकारी विभाग को पांच सौ करोड़ रुपए का राजस्व कम मिलेगा। इसकी भरपाई के लिए सरकार युवाओं के लिए विशेष श्रेणी की कम अलकोहल वाली शराब उपलब्ध कराएगी। ये शराब बारों पर उपलब्ध होगी। इसमें बीयर, वाईन और रेडी टू ड्रिंक उत्पाद जो काकटेल, फू्रट जूस, सोडा की श्रेणी में होंगे उपलब्ध कराए जाएंगे। इस श्रेणी के बार में कम अल्कोहल वाले मादक पदार्थ उपलब्ध होंगे। युवाओं के लिए जो बार की नई श्रेणी एफएल-2 ए लाई जाएगी वहां कम अल्कोहल वाली शराब मिलेगी। नई श्रेणी के बार के लिए लाइसेंस फीस भी आधी रखी जाएगी। यहां छह से दस फीसदी तक अलकोहल वाले मादक पदार्थ परोसे जाएंगे।

वहीं देशी शराब में एल्कोहल की मात्रा कम करके आबकारी विभाग इसकी कीमत कम कर सकेगा। यहां साठ डिग्री वाली यूपी की नवीन श्रेणी प्रारंभ की जाएगी। देशी मदिरा 180 एमएल और 90 एमएल की पैकिंग में रहेगी। यह शराब 25 अंडरप्रूफ में देशी मसाला और पचास अंडरप्रूफ में प्लेन शराब उपल्ब्ध कराई जाएगी। इसमें हलकी बीस प्रतिशत एलकोहल वाली शराब रहेगी। ट्रेट्रा पैक भी इसके उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे युवाओं और देशी शराब के पीने वाले बढ़ेंगे और खपत बढ़ने से आबकारी विभाग की आय में इजाफा हो सकेगा।

उज्जैन में कालभैरव के प्रसाद के लिए शराब चढ़ाने पर रोक नहीं-

धार्मिक शहर उज्जैन में कालभैरव पर प्रसाद के रुप में शराब चढ़ती है। राज्य सरकार ने इस पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई है। इसलिए यहां बाहर से लाकर शराब कोई जितनी भी चढ़ाना चाहेगा चढ़ा सकेगा।