New Excise Policy:नशाबंदी, जनजागरुकता के लिए बजट में पचास करोड़ का होगा इंतजाम
भोपाल :प्रदेश में नई आबकारी नीति पर चर्चा के समय स्कूल, शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों के करीब स्थित दुकानों को बंद करने के लिए आबकारी विभाग तो ढाई सौ से पांच सौ मीटर तक की दुकानों का हिसाब-किताब लेकर पहुंचा था लेकिन जब फैसला हुआ तो यह सौ मीटर पर सिमट गया। मध्यप्रदेश में इस समय कुल तीन हजार 605 शराब की दुकाने है। यदि यह दूरी ज्यादा रखी जाती तो काफी संख्या में दुकाने बंद हो जाती। दुकाने बंद होंने और उनके लिए नये स्थान नहीं मिलने की स्थिति में राज्य सरकार का शराब से मिलने वाले राजस्व में काफी घाटा उठाना पड़ता। अब तय दूरी के हिसाब से विभाग सर्वे कराएगा इसके बाद इन दुकानों को बंद या शिफ्ट किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक नई आबकारी नीति में दस प्रतिशत राशि बढ़ाकर दुकानों के नवीनीकरण का प्रस्ताव था उसे तो कैबिनेट ने ज्यों का त्यों मान लिया। पिछले साल शराब की बिक्री से राज्य सरकार को 11 हजार 940 करोड़ का राजस्व मिला था। अब सरकार इन्हें दस प्रतिशत मूल्य बढ़ाकर नवीनीकरण कर सकेगी। जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं होगा उनमें नये ठेकेदारों को दस प्रतिशत कीमत बढ़ाकर ठेका देने का विकल्प भी रहेगा। इसके बाद भी दुकाने नहीं गई तो फिर बची हुई दुकानों की नीलामी के तीसरे विकल्प के आधार पर आबकारी विभाग काम करेगा।
शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों और मंदिरों से कितनी दूरी तक की दुकाने बंद करना है इसको लेकर विभाग ने तो कुछ ज्यादा तैयारी की थी लेकिन फैसला हुआ तो यह दूरी सौ मीटर पर सिमट गई। इसके चलते अब विभाग को फिर नये सिरे से कवायद करनी होगी। शैक्षणिक संस्थानों और मंदिरों के पांच सौ मीटर के दायरे में लगभग पंद्रह सौ दुकाने आ रही है। लेकिन अब फैसले के अनुसार सौ मीटर के दायरे में आने वाली दुकानों का फिर से सर्वे शुरु कराया जाएगा। यह सर्वे दो दिन बार शुरु होगा। ऐसी दुकानों के लिए भी सर्वे होगा जिनको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती विरोध कर रही है। प्रदेशभर में जहां जनप्रतिनिधियों द्वारा दुकानों का विरोध किया जा रहा है। जहां मोहल्ले के लोग विरोध कर रहे है। इन सबका भी सर्वे होगा। सूची तैयार होगी। इसके बाद इन दुकानों को मौजूदा स्थानों से बंद कर इनके लिए दूसरे स्थान देखे जाएंगे जहां विरोध न हो और दुकानों की बिक्री, राजस्व भी प्रभावित नहीं हो। ये दुकाने दूसरी जगह शिफ्ट होंगी।
नशामुक्ति, जनजागरुकता के लिए पचास करोड़ का बजट-
प्रदेश में नशामुक्ति के लिए लोगों को प्रेरित करने, शराबबंदी और आमजन को नशे से होंने वाले नुकसानों के लिए प्रेरित करने और नशा करने से रोकने के लिए प्रचार-प्रसार करने के लिए सामाजिक न्याय विभाग को इस बार पचास करोड़ से अधिक की राशि दी जा सकती है। इस पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई थी कि इस बजट को बढ़ाया जाना चाहिए।
ओरछा और भोपाल की चार दुकाने हो सकती है बंद-
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ओरछा और भोपाल की चार दुकानों का विरोध कर रही है। इनमें ओरछा में निवाड़ी जिले की सीमा के पास मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित दुकान, भोपाल में अध्योध्या बाइपास चौराहे पर मंदिर के पास, होशंगाबाद रोड पर ओरा माल के करीब स्कूल और मंदिर के समीप स्थित दुकान और बरखेड़ा पठानी में मंदिर से लगी दुकान बंद की जा सकती है।