राजनीति में नया प्रयोग- वोट तुम्हारा तो उम्मीदवार भी तुम्हारा, गड़बड़ किया तो उसे हटाने का अधिकार भी तुम्हारा

आप पार्टी के नवाचार में चयनित कला स्नातक 21 वर्षीय दिव्या अहिरवार के पार्षद प्रत्याशी चुने जाने की घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं

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छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: आप नेता अमित भटनागर की अगुवाई में, “वोट तुम्हारा तो उम्मीदवार भी तुम्हारा, गड़बड़ किया तो उसे हटाने का अधिकार भी तुम्हारा” की तर्ज पर हुआ बिजावर नगर के वार्ड नं 9, डॉ.अम्बेडकर वार्ड में आम आदमी पार्टी के प्रत्यशी का चयन किया गया। जहां वार्डवासियों ने सर्व सम्मति से कला स्नातक 21 वर्षीय दिव्या अहिरवार का चयन अपने पार्षद उम्मीदवार के लिए किया।

दिव्या के पार्षद चुने जाने की घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है, दिव्या को पास में रहने बाली ऊषा अहिरवार आम आदमी पार्टी, जनता की राय से प्रत्याशी का चयन कर रही ऐसा कह कर अपने साथ ले गाई, वहाँ समजिक कार्यकर्ता व आप नेता अमित भटनागर जो कि नवाचार के लिए जाने जाते है उन्होंने वर्तमान राजनीति की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षित, ईमानदार युवाओं से इस चुनौती को स्वीकारने की बात कही तो दिव्या ने भी संभावित प्रत्यशी में अपना नाम लिखवा दिया।

दिव्या ने बताया कि उनका परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला है, परिवार में किसी ने कभी राजनीति नहीं की। वार्ड नं 9 अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित वार्ड से दिव्या के साथ ऊषा अहिरवार, राधा अहिरवार और सविता अहिरवार ने सम्भावित प्रत्याशियों में अपने नाम लिखाये।

●सर्वसम्मति से 1 पर मोहर..

राधा अहिरवार के पति विनोद अहिरवार इसी वार्ड से पिछला चुनाव लड़े थे और सिर्फ 15 वोट से हारकर दूसरे नंबर पर रहे थे। ऊषा अहिरवार सबकी मदद और जन सेवा के लिए जानी जाती हैं। राधा और सविता अहिरवार अपने सरल सहज स्वभाव के कारण लोकप्रिय हैं। तो वहीं दिव्या गरीब बच्चों को फ्री कोचिंग पढ़ाती हैं।

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उनके सेवा भाव से प्रभावित होकर राजनीति में सक्रीय ऊषा, राधा-विनोद अहिरवार, सविता-रामरतन अहिरवार व वहां उपस्थित वार्ड नं 9 डॉ. आंबेडकर बस्ती के लभगभ एक सैकड़ा से अधिक लोगों ने सर्वसम्मति से दिव्या को पार्षद उम्मीदवार पर मुहर लगा दी और पूरी बस्ती में सिर्फ एक फार्म भरने का संकल्प लिया।

●500 प्लस वोटरों की बस्ती और सहमति से आखिरी दिन 1 ही नामांकन..

गैरतलब है कि वार्ड नं 9 अनुसूचित जाति बाहुल्य वार्ड है जिसमे 859 वोटर है, जिसमें अहिरवार समाज के 500 से अधिक वोटर हैं और बस्ती से 5 नामांकन हो जाते रहे हैं। जिस कारण लेकिन पिछले कई सालों से बाहरी प्रत्याशी ही जीतते आये हैं, और नामांकन के आखिरी दिन निकलने के बाद भी इस बस्ती से सिर्फ एक ही नामांकन हुआ है।

●दिव्या की जीत तय..

500 से अधिक वोटरों की सामूहिक सहमति से बस्ती से सिर्फ दिव्या ने नामांकन डाला है जिसका जीतना लगभग सुनिश्चित हो गया है। बात दें कि वार्ड नंबर 9 अनुसूचित जाति बाहुल्य वार्ड है जिसमें 859 वोटर है, जिसमें अहिरवार समाज के 500 से अधिक वोट हैं जिनकी प्रत्याशी
दिव्या है।

अमित का कहना है कि हमारी राजनीति सेवा भाव से हटकर धन बल, छल बल, बाहुबल और झूठी शान के दुष्चक्र में फंस गई है, आज टिकिट बिक रहे हैं, फिर वोटर फिर पार्षद बिकेंगे, और ये पूरी बसूली जनता से होगी। लूटने के अलावा जनता के हिस्से में कुछ नहीं आता।

अमित का कहना है कि लोकतंत्र में जनता मालिक है, पर जनता की स्थिति भिखारी जैसी बना दी है। इस प्रयोग के माध्यम से हमारी कोशिश दुष्चक्र में फंसी राजनीति में सादगी और ईमानदारी लाने की है। आपका भाव अच्छा हो तो जनता भी सहयोग करती है। अब हम वार्डवासियों के साथ मिलकर वार्ड 9 के लिए नई योजनाएं बनाएंगे।