New Formula For Cabinet Expansion: बड़े सभांग से 4, छोटे संभाग से 2 होंगे मंत्री,क्षेत्रीय संतुलन बनाने नए फॉमूले पर विचार

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New Formula For Cabinet Expansion: बड़े सभांग से 4, छोटे संभाग से 2 होंगे मंत्री,क्षेत्रीय संतुलन बनाने नए फॉमूले पर विचार

 

भोपाल:मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कैबिनेट में क्षेत्रीय समीकरण के साथ ही जातिगत समीकरण को साधा जाएगा। अब नया फॉर्मूला जिस पर विचार चल रहा है उसके अनुसार हर संभाग की उनके मंत्रिमंडल में हिस्सेदार हो सकती है। कुछ संभाग से चार विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है, जबकि कुछ संभाग से दो विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। इस नए फॉर्मूले को फिलहाल अंतिम नहीं माना जा रहा है। इस आधार पर भी नाम का सिलेक्शन किया जा रहा है।

क्षेत्रों का संतुलन बनाने के लिए यह भी माना जा रहा है कि इस फॉर्मूले पर भी पार्टी काम कर रही है। जिसके चलते प्रदेश के बड़े संभागों से चार विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, सागर, जबलपुर जैसे संभागों से चार-चार विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं।

 

*उज्जैन से अब दो और हो सकते हैं मंत्री* 

इधर उज्जैन संभाग से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा आते हैं। ऐसे में इस संभाग से अब दो विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं इंदौर से कैलाश विजयवर्गीय का मंत्री बनना लगभग तय हैं,उनके अलावा तीन और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह विंध्य से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल हैं,बाकी के दो या तीन मंत्री यहां से बनाए जा सकते हैं।

इन संभागों में बनेंगे चार-चार मंत्री

इंदौर के अलावा महाकौशल और सागर संभाग से चार-चार मंत्री बनाए जा सकते हैं। महाकौशल से प्रहलाद पटेल का नाम लगभग तय माना जा रहा है, उनके अलावा तीन और मंत्री यहां से बनाए जा सकते हैं। ग्वालियर से भी चार मंत्री बनाए जा सकते हैं।

 *ये हैं दस संभाग* 

मध्य प्रदेश में दस संभाग हैं चंबल, ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल, उज्जैन और इंदौर। शहडोल, चंबल, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग से दो-दो विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

*जाति समीकरण भी साधेंगे* 

संभागों से मंत्री बनाए जाने के फॉर्मूले के साथ ही जातिगत समीकरण भी साधने का काम होगा। इंदौर, जबलपुर और शडहोल संभाग से अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं बाकी के अन्य संभागों से अनुसूचित जाति वर्ग से मंत्री बनाए जा सकते हैं।