नई गाइडलाइन, नई चुनौती: इंदौर 9वीं बार स्वच्छता का सिरमौर बनने को तैयार

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नई गाइडलाइन, नई चुनौती: इंदौर 9वीं बार स्वच्छता का सिरमौर बनने को तैयार

के के झा की विशेष रिपोर्ट

इंदौर। स्वच्छता केवल रैंकिंग नहीं, बल्कि इंदौर की पहचान बन चुकी है। आठ बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर इंदौर ने यह साबित किया है कि जब प्रशासन, जनप्रतिनिधि और नागरिक एक साथ संकल्प लें, तो असंभव भी संभव हो जाता है। अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 की बदली हुई गाइडलाइन, कड़े मानकों और व्यापक प्रतिस्पर्धा के बीच इंदौर एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में जुट गया है—लक्ष्य है, नौवीं बार नंबर-1।

स्मार्ट सिटी कार्यालय में शुक्रवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में निगम आयुक्त दिलीप यादव, महापौर परिषद के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी रोहित सिसोनिया तथा स्वच्छ भारत मिशन की पूरी टीम मौजूद रही।

बैठक में इस बार लागू की गई नई स्वच्छता गाइडलाइन, बदलते मूल्यांकन मानकों और इंदौर की वर्तमान स्थिति पर गहन चर्चा की गई।

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महापौर एवं निगमायुक्त ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से स्पष्ट कहा कि अब रणनीति केवल कागज़ों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि मैदान में दिखनी चाहिए।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर लगातार आठ वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा है, लेकिन नौवीं बार नंबर-1 बनना पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस बार सर्वेक्षण में व्यवहार परिवर्तन, सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग, जल संरक्षण, प्लास्टिक मुक्त शहर, रेड स्पॉट्स का पूर्ण उन्मूलन और नागरिक सहभागिता जैसे पैमानों को और अधिक वज़न दिया गया है।

उन्होंने कहा, “स्वच्छता को अब केवल अभियान नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बनाना होगा। हर नागरिक की भागीदारी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”

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नई चुनौती, बढ़ी जिम्मेदारी

इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण का यह 10वां संस्करण है, जिसकी थीम रखी गई है— “बढ़ाएं हाथ, करें सफाई साथ”।
देशभर के 4909 शहर इस सर्वेक्षण में भाग ले रहे हैं। विशेष बात यह है कि इस बार इंदौर के साथ देपालपुर को भी स्वच्छता जोड़ी के रूप में शामिल किया गया है, जिससे इंदौर की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

इंदौर की ताकत और फोकस एरिया

बैठक में इंदौर की उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों पर भी खुलकर चर्चा हुई। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा पृथक्करण, वेस्ट प्रोसेसिंग और नागरिक जागरूकता में इंदौर आज भी देश के लिए मॉडल है, लेकिन नई गाइडलाइन के तहत पानी बहाव, निर्माण कार्यों की गंदगी, रेड स्पॉट्स, डॉग वॉकिंग से फैलने वाली गंदगी और व्यवहारगत अनुशासन जैसे मुद्दों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

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महापौर ने निर्देश दिए कि सड़कों पर पानी बहाने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

प्रमुख सड़कों पर प्रस्तावित खुदाई कार्य एक-दो माह में अनिवार्य रूप से पूर्ण किए जाएं।

रेड स्पॉट्स खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वाले डॉग वॉकर्स पर चालानी कार्रवाई हो।

भवन निर्माण कार्यों में बायलॉज का कड़ाई से पालन कराया जाए।

स्कूलों में बच्चों से संवाद कर स्वच्छता का संदेश घर-घर तक पहुंचाया जाए, क्योंकि स्थायी बदलाव वहीं से शुरू होता है।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि स्वच्छता की यह यात्रा प्रशासन या नगर निगम अकेले नहीं जीत सकता। “जनप्रतिनिधि, अधिकारी और नागरिक—तीनों की साझी जिम्मेदारी से ही इंदौर फिर एक बार देश और दुनिया के सामने स्वच्छता का आदर्श मॉडल बनेगा।”

उन्होंने विश्वास जताया कि इंदौर अपनी क्षमता, अनुशासन और नागरिक चेतना के बल पर न केवल नई चुनौतियों पर खरा उतरेगा, बल्कि नौवीं बार नंबर-1 बनकर स्वच्छ भारत मिशन में नया कीर्तिमान भी स्थापित करेगा।