New Initiative of Police: महिला अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयास है झाबुआ पुलिस की वसुधा दीदी,500 गांवों में फैला नेटवर्क

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New Initiative of Police: महिला अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयास है झाबुआ पुलिस की वसुधा दीदी,500 गांवों में फैला नेटवर्क

 

 

भोपाल: प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने झाबुआ पुलिस ने नई पहल की है। पुलिस ने गांव में वसुधा दीदियों का नेटवर्क तैयार किया है। हर गांव में ये महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की सूचना पुलिस तक पहुंचाने का काम कर रही है। अब तक तीन दर्जन से ज्यादा इनके माध्यम से सूचनाएं पुलिस को मिल चुकी है। वहीं क्षेत्र की कुछ कुप्रथाओं को रोकने के लिए भी वसुधा दीदी का सहयागे पुलिस ले रही है। वसुधा दीदी कोटवार की ही तरह काम कर रही हैं।

500 गांव में तैनात की वसुधा दीदियां

पुलिस अधीक्षक आगम जैन ने इस जिले की लगातार मॉनिटरिंग करने के बाद पाया कि महिला अपराध और यहां पर चलने वाले कुछ कुप्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए महिलाओं का सहयोग पुलिस को मिलना चाहिए। इसके चलते उन्होंने यहां पर कुछ दिन पहले वसुधा दीदी बनाने का निर्णय लिया। झाबुआ आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां पर करीब 800 गांव हैं। इन गांवों में महिलाओं के साथ बैठक कर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की जानकारी उपलब्ध कराने जागरूक किया जा रहा है। जानकारी देने के तरीके के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस मुहिम से पुलिस ने करीब 500 गांव में वसुधा दीदियां का चयन किया और उन्हें जिम्मेदारी दी गई। यह घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, मारपीट सहित कुप्रथाओं को रोकने में मदद कर रही हैं।

सोशल मीडिया के जरिए पुलिस से संपर्क में

पुलिस ने इन महिलाओं को ट्रैनिंग देने के बाद व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़ा है। इस ग्रुप में पुलिस अफसर इन महिलाओं को कोर्ट के आॅर्डर और सरकार की तरफ से महिला और बच्चों के अधिकारों के आदेश भी शेयर कर जागरूक बना रही है। समय-समय पर उनको शिकायत करने के तरीके, उनके अधिकार से भी अवगत कराया जा रहा है।

ऐसे आया विचार- आगम जैन

एसपी आगम जैन ने बताया कि झाबुआ में कई कुप्रथाएं प्रचलित हैं। इसमें अधिकतर महिलाओं का शोषण होता है। जिसे दबा दिया जाता है। गांव के पुरुष सिर्फ पुरुष से संबंधित अपराध की जानकारी ही उपलब्ध कराते हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की कोई सूचना नहीं देता था। इसको लेकर ही वसुधा दीदी बनाने को लेकर विचार है। इसमें कोटवार की तर्ज पर गांव में महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इनको वसुधा दीदी नाम दिया गया।