कर्मचारियों अधिकारियों के मामले में वित्त विभाग का कार्यालय प्रमुखों को नया निर्देश
भोपाल: वित्त विभाग ने आईएफएमआईएस व्यवस्था में वेतन निर्धारण के लिए सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) की भौतिक रूप से एक अफसर से दूसरे अफसर तक आमद की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसके लिए ई साइन के जरिये अब अधिकारी प्रक्रिया पूरी करेंगे। वित्त संचालनालय ने कहा है कि वर्तमान में जितने भी प्रकरण संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा अपने कार्यालय में परीक्षण के लिए आवंटित कर दिए गए हैं, उन सभी प्रकरणों पर केवल संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा ई साइन किए जाएंगे और कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी होगी कि ई साइन के बाद प्रकरण को डाउनलोड कर उस पर भौतिक रूप से हस्ताक्षर करें और शासकीय सेवक की सेवा पुस्तिका में चस्पा करें।
आयुक्त कोष और लेखा द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि वेतन निर्धारण के लिए वित्त विभाग द्वारा मंगाई जाने वाली सेवा पुस्तिका को संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा आमतौर पर संयुक्त संचालक कोष और लेखा को समय पर नहीं भेजा जाता है। इस कारण संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय में आईएफएमआईएस लॉगिन पर वेतन निर्धारण लंबित रहता है और इसका असर अधिकारी-कर्मचारी के वेतन प्रकरणों पर पड़ता है। इसलिए यह तय किया गया है कि वेतन निर्धारण पूरी तरह से आईएफएमआईएस के माध्यम से ही किया जाएगा। विशेष मामलों को छोड़कर भौतिक सेवा पुस्तिका कार्यालय प्रमुख द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक कोष और लेखा को भेजने की अनिवार्यता नहीं होगी। ऐसे मामले में कार्यालय प्रमुख के लिए जो दायित्व तय किए गए हैं उसके अनुसार कार्यालय प्रमुख इसी माड्यूटल पर वेतन निर्धारण करेंगे। कार्यालय प्रमुख के एप्रूव करने के बाद इसे संयुक्त संचालक कोष और लेखा को भेजा जाएगा।
जहां फैसले लेने में दिक्कत उनमें ई मेल से मंगाएंगे
इसके बाद ऐसे मामले जिनमें संयुक्त संचालक को आनलाइन अनुमोदन के दौरान फैसला लेने में कठिनाई होगी केवल उन्हीं मामलों में लिखित अथवा ई मेल के माध्यम से सेवा पुस्तिका की मांग की जाएगी या आईएफएमआईएस के अभिलेख अपलोड किए जाना तय होंगे। निर्देशों में कहा गया है कि वेतन निर्धारण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सत्याता का परीक्षण का सम्पूर्ण जिम्मा कार्यालय प्रमुख का होगा और इसके लिए कार्यालय प्रमुख वर्कलिस्ट में एक घोषणा पत्र को टिक करेंगे। इसके लिए ई साइन की सुविधा आहरण संवितरण अधिकारी और कार्यालय प्रमुख को प्रदान की गई है। संयुक्त संचालक कोष और लेखा अपने पास केस आने के बाद इसका परीक्षण सहायक संचालक और उपसंचालक से कराएंगे। परीक्षण के बाद वेतन निर्धारण अधिकतम सात कार्य दिवस में दिया जाएगा। इसके लिए तैयार वर्कलिस्ट में संबंधित अधिकारी द्वारा किए गए परीक्षण की डिटेल टीप अंकित किया जाना अनिवार्य है। यदि इसमें आपत्ति दर्ज की जानी है तो रिजेक्ट बताना होगा। इसके बाद वह फाइल कार्यालय प्रमुख के पास वापस लौट जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि कार्यालय प्रमुख की यह जिम्मेदारी होगी कि वेतन निर्धारण के बाद ई साइन युक्त प्रपत्र जिसका अनुमोदन संयुक्त संचालक कोष और लेखा द्वारा किया गया है वह अधिकारी कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में चस्पा किया जाएगा।