Indore : नए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आज अपना पदभार ग्रहण किया। उन्होंने आने वाले 3 महीनों के लिए निगम की रणनीति बताई। महापौर ने शहर के विकास के साथ स्मार्ट सिटी के कामकाज को लेकर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि शहर के विकास को लेकर वे अपने कार्यकाल में किन बातों को प्राथमिकता देंगे।
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत राजवाड़ा, गोपाल मंदिर, मल्हार राव होल्कर एवं बोलिया सरकार छतरियों का जीर्णोद्धार का काम जल्द शुरू किया जाएगा। साथ ही 40 करोड़ की लागत से बड़ा गणपति, कृष्णपुरा पुल एमजी रोड तक का काम भी जल्द पूरा किया जाएगा। मेद्या से बात करते हुए महापौर ने यातायात विभाग, बहुमंजिला पार्किंग, अमृत योजना, भू-जल संवर्धन अभियान, वायु गुणवत्ता में सुधार, प्रधान मंत्री आवास योजना में जरूरतमंदों को घर मुहैया करवाने के साथ ही इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाना भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने कहा कि देश में इंदौर को स्वच्छता के लिए जाना जाता है, ऐसे में इंदौर की जनता व निगम को इस बार भी मिलकर इस उपलब्धि को बनाए रखने के लिए मेहनत करने की जरूरत है। इसके लिए सभी को काम करना होगा। साथ ही हर निगम ज़ोन में कम से कम एक हॉकर्स ज़ोन होना चाहिए आगामी 3 महीने में नए 15 हॉकर्स जॉन बनाए जाएगें।
ट्रैफिक का पाठ सिखाया
इससे पहले शहर के नए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शनिवार सुबह सड़क पर उतरे। महू नाका चौराहे पर उन्होंने ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाया और ट्रैफिक नियमों का पालन करने वालों को गुलाब के फूल बांटे। इसके पहले महापौर ने रणजीत हनुमान मंदिर पहुंचे और रणजीत बाबा का आशीर्वाद लिया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव शहर को ट्रैफिक में रोल मॉडल बनाने की कोशिश में महूनाका चौराहे पर खड़े हुए और वाहन चालकों को ट्रैफिक का पाठ सिखाया। सही तरीके से वाहन चलाने वालों का गुलाब का फूल देकर सम्मान किया गया।
शुक्रवार को अभय प्रशाल में पुष्यमित्र भार्गव ने महापौर बनने की शपथ ली। इसके साथ ही उन्होंने इंदौर के ट्रैफिक को स्वच्छता की तरह रोल मॉडल बनाने सहित पांच संकल्प खुद भी लिए और पार्षदों को भी दिलवाए।
महू नाका चौराहे पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ सहित भाजपा के कार्यकर्ता पहुंचे। यहां महापौर ने खुद माइक हाथ में थामा और जनता और अपने समर्थकों को ट्रैफिक नियमों का का पालन करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने चौराहे पर ट्रैफिक नियमों का पालन करने वाले लोगों को गुलाब के फूल भेंट कर उनका अभिवादन किया।