
आदिवासी अंचलों की प्रगति की नई डगर: नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार रेललाइन को मिली हरी झंडी, सांसद अनीता चौहान की सक्रिय पहल रंग लाई
– राजेश जयंत
Alirajpur: जनजातीय बहुल क्षेत्रों के तेज़ सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में रेल मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 380 किलोमीटर लंबी नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार नई रेल लाइन के फाइनल सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनवाने की मंजूरी दी है। इस पूरे प्रयास में रतलाम-झाबुआ-अलीराजपुर संसदीय क्षेत्र की सांसद अनीता नागरसिंह चौहान की अहम् भूमिका रही, जिन्होंने लगातार रेल मंत्री से मुलाकात कर इस रेल लाइन की पुरजोर मांग की थी।
रेल मंत्रालय की यह मंजूरी राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के ट्राइबल जिलों के लिए बड़ी उपलब्धि है। रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि बांसवाड़ा की भौगोलिक और सामाजिक कनेक्टिविटी दाहोद से सबसे सहज है, इसी को ध्यान में रखते हुए डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम प्रोजेक्ट के साथ-साथ अब नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद रेललाइन की डीपीआर भी बनवाने का निर्णय लिया गया है।
इस प्रयास के पीछे सांसद श्रीमती अनीता नगर सिंह चौहान की विशेष पहल रही। उन्होंने संसद से लेकर मंत्रालय तक लगातार क्षेत्र की रेल कनेक्टिविटी का मुद्दा उठाया, जगह-जगह निवेदन-पत्र दिए और खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कई बार मुलाकात कर आदिवासी जिले के विकास की आवश्यकता गिनाईं। उनकी मांग पर मंत्रालय ने फौरन फाइनल सर्वे को स्वीकृति प्रदान की, जिससे पूरे अंचल में खुशी की लहर है।

यह रेललाइन बनने से बांसवाड़ा, दाहोद, शहादा जैसे ट्राइबल इलाके दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे, जो यहां की जनता और व्यापार दोनों के लिए बड़ा अवसर है। बांसवाड़ा जैसे जिला जहां अब तक रेलवे का नामोनिशान नहीं था, अब देश के रेलवे नक्शे पर आएगा। इस क्षेत्र में मैंगनीज, डोलोमाइट, चूना पत्थर, तांबा, सोना, क्वार्ट्जाइट जैसी खनिज संपदा है, जिनका ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा और स्थानीय रोजगार को नए आयाम मिलेंगे। दाहोद-अलीराजपुर-नंदुरबार जैसे पहाड़ी, दुर्गम और आदिवासी इलाकों के लिए भी यह कनेक्टिविटी आर्थिक मुख्यधारा से जुड़ने का सेतु बनेगा।
*एक नजर में:*
1. 380 किमी नीमच-बांसवाड़ा- दाहोद-नंदुरबार रेललाइन फाइनल सर्वे व डीपीआर को मिली स्वीकृति।
2. ये रूट दिल्ली-मुंबई के बीच सबसे छोटा, किफायती और आदिवासी अंचलों को जोड़ने वाला है।
3. बांसवाड़ा, दाहोद, शहादा समेत ट्राइबल और पहाड़ी इलाकों को पहली बार सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी।
4. बांसवाड़ा क्षेत्र में खनिज संपदा के परिवहन व व्यापार में क्रांति आएगी।
5. इस परियोजना से स्थानीय पर्यटन और छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के सैकड़ों सीधे-भर्ती अवसर बनेंगे।
6. आदिवासी बहुल इलाकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और मुख्यधारा का प्रवेश द्वार खुलेगा।
7. सांसद अनीता चौहान के लगातार प्रयासों और रेल मंत्री से सीधी मुलाकात से यह सपना साकार हुआ।
*अपनी बात*
नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार रेललाइन आदिवासी बहुल इलाकों के लिए सिर्फ एक रेलमार्ग नहीं, बल्कि विकास की नई पटरी है। सांसद अनीता नागरसिंह चौहान की प्रतिबद्धता और रेल मंत्रालय के ऐतिहासिक निर्णय ने इस अभियान को रफ्तार दी है। आने वाले वर्षों में यह रेल प्रोजेक्ट न सिर्फ सामाजिक-आर्थिक ग्रोथ का इंजन बनेगा, बल्कि हजारों परिवारों के लिए प्रगति, उम्मीद और नए सपनों की राह भी खोलेगा।





