

New Promotion Policy: नियमों का जल्द होगा गजट में प्रकाशन, उसके बाद DPC की तैयारी, अच्छी CR पर मिलेगा प्रमोशन में आगे निकलने का मौका
भोपाल: New Promotion Policy: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में संपन्न गत कैबिनेट बैठक में लिए निर्णय अनुसार मध्य प्रदेश में कर्मचारियों अधिकारियों के लिए नई प्रमोशन पॉलिसी बनाई गई है। इससे संबंधित नियमों का जल्द गजट में प्रकाशन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल पर कैबिनेट से मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियमों को हरी झंडी मिलने से प्रदेश के साढ़े चार लाख शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी की लहर है। इसके नियम जल्द ही जारी किए जाएंगे। प्रमोशन होंने से दो लाख पद रिक्त होंगे और इन पर नई भर्तियां हो सकेंगी।
नई पॉलिसी में लगातार अच्छी CR वाले अधिकारी कर्मचारी अपने साथियों से प्रमोशन में प्राथमिकता पाएंगे। प्रमोशन से पहले नोटिस जारी कर लिफाफा बंद करवाने की प्रक्रिया पर रोक लगेगी और प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों और कर्मचारियों के पदों पर भी प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा।
मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियमों को सामान्य प्रशासन विभाग जल्द ही गजट में प्रकाशित करेगा। उसके बाद प्रमोशन के लिए डीपीसी की तारीखें तय कर पदोन्नत करने का सिलसिला शुरु किया जाएगा। इस साल एक महीने के अंतराल से दो साल की डीपीसी की जाएंगी। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर चूंकि सुप्रीम कोर्ट में मामला अभी भी विचाराधीन है इसलिए उच्चतम न्यायालय में केएम नागराज, जनरैल सिंह एवं आरके सभरवाल के प्रकरणों और अन्य वैधानिक प्रावधानों के अनुरुप पदोन्नति नियम बनाए गए है।
पदोन्नति में पहले अनुसूचित जाति के लिए बीस प्रतिशत, जनजाति के लिए सोलह प्रतिशत आरक्षण रहेगा। इन पदों पर पदोन्नति के बाद शेष बचे पदों पर अनारक्षित श्रेणी में सभी वर्गो को समान मौका दिया जाएगा।आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को भी मेरिट के आधार पद पदोन्नति प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
प्रथम श्रेणी के पदों पर मेरिट कम सीनियारिटी- पदोन्नति में वरिष्ठता का ध्यान रखा जाएगा। वरिष्ठ लोक सेवकों में से मेरिट के अनुसार न्यूनतम अंक लाने वाले लोक सेवक पदोन्नति के पात्र होंगे। प्रथम श्रेणी के कर्मचारियों के लिए मेरिट कम सीनियारिटी का प्रावधान होगा। लगातार पांच साल तक क प्लस श्रेणी की अच्छी सीआर का फायदा कर्मचारी को प्रमोशन में मिलेगा। वह अन्य बैचमेट में जंप कर सकेगा उसके नाम पर प्रमोशन में पहले विचार किया जाएगा। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अंक व्यवस्था से बाहर होंगे। पदोन्नति के लिए उपयुक्त होंने पर उन्हें प्रमोशन मिलेगा। कार्यदक्षता को प्रोत्साहित किया जाएगा।
डीपीसी के पहले जारी नोटिस से नहीं रुकेगा प्रमोशन
अभी तक किसी कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित करने के लिए डीपीसी के ठीक पहले नोटिस जारी कर उसका लिफाफा बंद करवा दिया जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। जैसे ही पद रिक्त होगा उस पद पर पात्र कर्मचारी को आरक्षण और योग्यता के आधार पर पदोन्नत किया जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर गए शासकीय कर्मचारियों के लिए पद रिक्त नहीं रखे जाएंगे। उन पदों पर पदोन्नति होगी। कर्मचारी के वापस लोटने पर अगले साल की डीपीसी में उसका नाम शामिल किया जाएगा। छह माह के काम के एवरेज से भी पात्रता तय होगी रिव्यू डीपीसी की जा सकेगी। परिभ्रमण की व्यवस्था समाप्त होगी इससे पदोन्नति के लिए अधिक पद मिलेंगे।
छह माह का गोपनीय प्रतिवेदन पूर्ण वर्ष के लिए मान्य
यदि किसी वर्ष में छह माह का गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध है तो उसे पूर्ण वर्ष के लिए मान्य किया जाएगा। गोपनीय प्रतिवेदन न होंने से पदोन्नति रुकती है तो पदोन्नति प्राप्त होंने पर पूरी वरिष्ठता मिलेगी।
प्रतीक्षा सूची से भरे जाएंगे रिक्त पद
पदोन्नति के बाद पद रिक्त रहते है तो अप्रत्याशित रिक्त्यिों को चयन सूची, प्रतीक्षा सूची से भरा जाएगा। यदि गोपनीय प्रतिवेदन नो रिपोर्ट सर्टिफिकेट है तो स्वमूल्यांकन के आधार पर पदोन्नति मिलेगी। अर्हकारी सेवा के लिए किसी वर्ष में की गई आंशिक सेवा को पूर्ण वर्ष की सेवा माना जाएगा।
वर्ष 2016 से 2024 के लिए फैसला बाद में
जो नये नियम जारी किए गए है ये वर्ष 2025 से प्रभावकारी होंगे। वर्ष 2016 से 2024 तक जो लोग बना प्रमोशन सेवानिवृत्त हो चुके है। उनके संबंध में सुप्रीम कोर्ट के अतिंम आदेश पर निर्णय लिया जाएगा।