New Style of New CS : नए CS का काम और व्यवहार का नया अंदाज, अफसरों को ‘पर्चीबाजी’ न करने की हिदायत, दिलीप से जाने हाल!
Bhopal : कुछ अफसर अपने काम से लोगों का दिल जीतते हैं और कुछ व्यवहार से। लेकिन, कुछ ऐसे अफसर भी होते हैं जो काम और व्यवहार दोनों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाते हैं। मंत्रालय में इन दिनों नए मुख्य सचिव अनुराग जैन अपने काम की सजगता के साथ अपने सौम्य व्यवहार की वजह से चर्चा में है। अफसरों की बैठक में उन्होंने जिस तरह टेक फ्रेंडली होने के निर्देश दिए, उससे संकेत मिलते हैं कि वे कुछ महीनों में व्यवस्था को ‘पर्ची फ्री’ बना देंगे। उनके व्यवहार की एक घटना इन दिनों खासी चर्चा में है।
नए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शुक्रवार को अफसरों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को समझाइश देते हुए कहा कि हमेशा खुद को सर्वज्ञानी होने के भाव से बचें। जो अलग-अलग क्षेत्रों से आ रहे हैं, वे जानकारियों से लैस होते हैं। उनके अनुभव से हमें सीखना चाहिए। उनके साथ तालमेल बिठाना चाहिए। अधिकारियों को अपना संवाद बेहतर करना होगा। एक-दूसरे से हर विषय में कागज चलाने से बेहतर है कि एक-दूसरे से सुलभ संवाद हो।
दिलीप को नहीं भूले, हालचाल भी जाना
मंत्रालय में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिलीप ने मुख्य सचिव के चैंबर में बधाई देने पहुंचे। उन्होंने मुख्य सचिव को प्रणाम किया। मुख्य सचिव ने दिलीप को देखते ही उनसे हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ा दिया और आत्मीयता से कुछ देर बातचीत की। अनुराग जैन जब अपर मुख्य सचिव (वित्त) रहे, तब दिलीप उनके साथ ड्यूटी पर थे। एक दिन अनुराग जैन चैंबर से पैर में मोच के कारण असहज होकर निकले। तब दिलीप ने इसका कारण पूछा तो अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन ने बताया कि बैडमिंटन खेलते समय पैर में मोच आ गई। इस पर दिलीप ने एक मौका देने की बात कही, तो अनुराग जैन ने दिलीप की बात मान ली। दिलीप ने अनुराग जैन के पैर की मोच को जरा देर में ठीक कर दिया। इससे उन्हें काफी राहत महसूस हुई थी। वो घटना वे आज तक नहीं भूले और न दिलीप को।
अफसरों की मीटिंग में इरादे स्पष्ट किए
नए सीएस ने शुरुआती मीटिंगों में ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। उन्होंने कहा कि अब फाइल और पर्ची के जमाने में लद गए। अफसर अब टेक्नोफ्रेंडली बनें। अफसरों का पूरा जोर कार्डिनेशन पर होना चाहिए। रिजल्ट ओरिएंटेड वर्किंग स्टाइल होनी चाहिए, ताकि जो प्रपोजल आप लाए हैं, उसके फायदे मालूम चलें। तकनीक का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करके अफसर खुद को समय के साथ अपग्रेड करें।
प्रदेश के अफसरों से पहली मुलाकात में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आईएएस अफसरों को दूसरो का सम्मान करना होगा। हम लोग ऐसा न समझे कि आईएएस अफसर है तो हम खलीफा हो गए। दूसरा जो विभाग का व्यक्ति आता है, वो डॉक्टर है, इंजीनियर है, आईटी स्पेशलिस्ट है उसको आप कोई सेकेण्डरी नागरिक न समझे, उसको पूरा सम्मान दें। क्योंकि, वह आपसे ज्यादा जानता है अपने सेक्टर के बारे में, हम लोग अपने घमंड में डूबे रहते है और दूसरे को तवज्जो नहीं देते, अपनी जगह उसने भी बेहतर काम किया है।
वहां 16 घंटे काम किया, यहां और समय बढ़ाना होगा
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के विजन को पूरा करने विकसित मध्यप्रदेश बनाना जरुरी है। अब उसे पूरा करने के लिए सभी को जुटकर होकर काम करना होगा। इसमें वे अपनी पूरी टीम का उपयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर वे 14 से 16 घंटे काम करते रहे है। यहां इस जिम्मेदारी के लिए और ज्यादा समय निकालना होगा। अगले चार-पाच महीने तक पूरे प्रदेश की जरुरतों को समझेंगे। विकसित मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार कर उस पर काम किया जाएगा। विभागवार प्रदेश की जरुरतों पर काम होगा। सब मिलकर मध्यप्रदेश को विकसित प्रदेश बनाएंगे। उनकी इस हिदायत से यह आशय निकाला जा रहा है कि अब मंत्रालय के अफसरों को भी काम के घंटे बढ़ाना होंगे।