New Transfer Policy : आज की कैबिनेट बैठक में नई तबादला नीति के प्रारूप को मंजूरी? 15 सितंबर तक ट्रांसफर से रोक हटेगी !

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New Transfer Policy : आज की कैबिनेट बैठक में नई तबादला नीति के प्रारूप को मंजूरी? 15 सितंबर तक ट्रांसफर से रोक हटेगी !

Bhopal : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंगलवार को कैबिनेट बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसमें सबसे अहम प्रदेश की तबादला नीति है। कैबिनेट में तबादला नीति के प्रारूप पर मुहर लग सकती है। इसमें 15 दिन के लिए ट्रांसफर से रोक हटेगी। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए नई नीति का मसौदा तैयार किया है, जिसमें जिले के भीतर और बाहर तबादलों के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं।
आज दोपहर 3 बजे होने वाली कैबिनेट की बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी जाएगी। जीएडी ने नई तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार किया है। इसे 20 अगस्त की कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इस नीति के मुताबिक, प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों का एक से दूसरे जिले में तबादला विभागीय मंत्री और जिलों के भीतर प्रभारी मंत्री के अप्रूवल से ही किया जाएगा। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी जाएगी। कैबिनेट की स्वीकृति मिलने पर 20 अगस्त से 5 सितंबर तक प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों पर से बैन हटेगा। कैबिनेट सिर्फ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादलों को मंजूरी दे सकती है। शिक्षा विभाग के तबादले इस ड्रॉफ्ट में शामिल नहीं किए गए हैं
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, विभागाध्यक्ष और क्लास वन अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री की सहमति से संबंधित विभाग ही करेगा। जो अधिकारी जिस जिले में पहले पदस्थ रहा है, वहां फिर पोस्टिंग नहीं होगी। निर्माण और नियामक से जुड़े विभागों के ऐसे कर्मचारी, जिन्होंने पिछले साल के टारगेट पूरे नहीं किए, उनका प्रशासनिक आधार पर तबादला होगा। कोर्ट के फैसले, गंभीर शिकायतें, खाली पदों को भरने, प्रमोशन और प्रतिनियुक्ति से वापसी के मामलों में संबंधित विभाग फैसला करेगा।

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नई ट्रांसफर पॉलिसी में क्या खास
एक साल या उससे कम समय में रिटायर हो रहे अधिकारी ट्रांसफर से मुक्त रहेंगे। पति-पत्नी यदि एक साथ ट्रांसफर का आवेदन देते हैं, तो उनका ट्रांसफर किया जाएगा। लेकिन, नियुक्ति की जगह प्रशासनिक जरूरत के आधार पर तय होगी।
ऐसे कर्मचारी जिन्हें गंभीर बीमारी है, उनका जहां ट्रांसफर होता है वहां ये सुविधा नहीं है तो मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर उनकी चाही गई जगह पर ट्रांसफर हो सकेगा।
जो कर्मचारी 40% या इससे अधिक दिव्यांग कैटेगरी में हैं, उनके ट्रांसफर नहीं होंगे। वे चाहें तो ट्रांसफर ले सकेंगे।

राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए निर्देश
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का ट्रांसफर सीएम के अप्रूवल के बाद सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) करेगा।
जिले के भीतर कलेक्टर, प्रभारी मंत्री से विचार-विमर्श कर डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर के ट्रांसफर कर सकेंगे। तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार के ट्रांसफर के लिए भी कलेक्टर को प्रभारी मंत्री से अप्रूवल लेना पड़ेगा।
ऐसे क्लास वन और क्लास टू अधिकारी, जिन्हें जिलों में तीन साल पूरे हो गए, उनका दूसरे जिलों में ट्रांसफर राज्य सरकार करेगी। जिले में तीन साल पूरे करने वाले क्लास थ्री कैटेगरी के कार्यपालिक अधिकारियों और कर्मचारियों का भी ट्रांसफर किया जा सकेगा।

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पुलिस विभाग के लिए नए ड्राफ्ट में क्या
डीएसपी और उनसे वरिष्ठ पुलिस अफसरों के ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा-निर्देश और विभागीय मंत्री के अप्रूवल के बाद मुख्यमंत्री की सहमति से होंगे। जिले के भीतर डीएसपी से नीचे के पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का निर्णय पुलिस स्थापना बोर्ड लेगा। पुलिस अधीक्षक, प्रभारी मंत्री के अप्रूवल के बाद ही आदेश जारी किए जाएंगे।
स्वयं के खर्च और म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन या कार्यालय प्रमुख को आवेदन देना होगा। खुद के खर्च पर खाली पदों पर किए गए ट्रांसफर या प्रशासनिक कारणों से किए गए ट्रांसफर के आदेश अलग-अलग जारी होंगे। खुद के खर्च पर ट्रांसफर का आवेदन देने वाले ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में तय किए गए टारगेट को पूरा किया हो।

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