भोपाल :दुबारा सत्ता में आई भाजपा सरकार के कार्यकाल में केवल दस वरिष्ठ मंत्रियों को नई गाड़ियां दी गई थी। इसके बाद भी पंद्रह मंत्रियों को पुरानी गाड़ी के स्थान पर नई गाड़ी चाहिए थी। अब सरकार नौ और मंत्रियों के लिए नई इनोवा क्रिस्टा गाड़ियां खरीदने जा रही है। इसके लिए वित्त ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद भी छह मंत्रियों को नई गाड़ी नहीं मिल पाएगी। इसके चलते स्टेट गैराज की चिंता बढ़ गई है कि किसे नाराज करे और किसे नहीं करे। इसलिए नौ गाड़ियों के बाद और शेष मंत्रियों के लिए भी नई गाड़ियों के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा।
राज्य में भाजपा की दुबारा सरकार बनने के बाद वरिष्ठता के हिसाब से दस मंत्रियों को नई गाड़ियां खरीद कर दी गई थी। इन मंत्रियों में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वन मंत्री विजय शाह, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, खाद्य मंत्री बिसाहूलाली सिंह, खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया शामिल है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, कृषि मंत्री कमल पटेल आदि शामिल है। अब जो नई नौ गाड़ियां खरीदी जा रही है वह नौ और मंत्रियों को ही मिल पाएंगी।
स्टेट गैराज का नियम है कि जिन मंत्रियों की गाड़ियां एक लाख 15 हजार किलोमीटर चल चुकी है उन्हें नई गाड़ी खरीदकर देने की पात्रता रहती है। कुल पंद्रह मंत्री अभी ऐसे बाकी है जिनके पास जो गाड़ियां इस समय है वह एक लाख 15 हजार किलोमीटर से अधिक चल चुकी है। लेकिन वित्त विभाग ने केवल नौ नई गाड़ियों की खरीदी की ही मंजूरी दी है। स्टैट गैराज ने नौ नई इनोवा क्रिस्टा गाड़ियों की खरीदी के लिए आदेश जारी कर दिया है। एक माह के भीतर ये गाड़ियां आ जाएंगी। ये गाड़ियां नौ मंत्रियों को प्रदान की जाएंगी।
नाराज मंत्रियों के लिए अगले बजट में आएंगी गाड़ी- जो शेष छह मंत्री नई गाड़ियों से वंचित रह जाएंगे उनके लिए नए वर्ष के वित्तीय बजट में गाड़ियों की खरीदी की जाएगी। स्टेट गैराज नए बजट में फिर प्रस्ताव भेजेगा वित्त विभाग की मंजूरी के बाद फिर इन मंत्रियों के लिए गाड़ियां खरीदी जाएंगी।
*एक लाख पंद्रह हजार किलोमीटर पर नई गाड़ी की पात्रता-*
मंत्रियों को जो गाड़ियां प्रदान की जाती है उसमें यह नियम है कि एक लाख 15 हजार किलोमीटर गाड़ी के संचालन पर उन्हें नई गाड़ियां प्रदान की जाती है। जो मंत्री क्षेत्र में भ्रमण ज्यादा करते है उनकी गाड़ियां डेढ़ से दो साल के भीतर इतनी चल जाती है। लेकिन जिनकी गाड़ियों की कंडीशन अच्छी रहती है उन्हें अनुमति देने और वित्तीय कटौतियों के चलते नई गाड़ियां खरीदी में देरी हो जाती है। लेकिन इस सरकार में यह प्रयास हो रहा है कि सारे ही मंत्रियों को कार्यकाल में कम से कम एक बार नई गाड़ियां उपलब्ध करा दी जाए।