
Newborn kidnapping Case: शिवपुरी जिला अस्पताल से बच्ची चुराने वाली महिला सागर में गिरफ्तार, शिशु सकुशल बरामद
Shivpuri: शिवपुरी जिला चिकित्सालय से एक दिन की नवजात बच्ची के अपहरण की सनसनीखेज वारदात को पुलिस ने महज़ 10 घंटे में सुलझा लिया। आरोपी महिला को सागर से गिरफ्तार कर लिया गया है और नवजात बालिका पूरी तरह सुरक्षित है। यह सफलता ग्वालियर जोन के IG अरविंद कुमार सक्सेना, DIG अमित सांघी के निर्देशन में शिवपुरी और सागर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से मिली।
मंगलवार सुबह जिला अस्पताल से सूचना मिली कि महिला प्रसूति वार्ड से एक अज्ञात महिला नवजात बालिका को लेकर फरार हो गई है। फरियादी रोशनी पति सुनील आदिवासी, उम्र 23 वर्ष, निवासी विशनपुर थाना बामौरकला ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे एक अज्ञात महिला उससे बातचीत करने लगी और कहा कि उसके पति बाहर गेट पर खड़े हैं, जिन्हें बच्ची दिखाकर आती हूं, इतना कहकर वह बच्ची को लेकर चली गई और लौटकर नहीं आई। शिकायत पर कोतवाली थाना में मामला दर्ज कर लिया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना जिला अस्पताल पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने SP अमन सिंह राठौड़, ASP संजीव मुले, SDOP संजय चतुर्वेदी और DSP अजाक अवनीत शर्मा से जानकारी लेकर आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए। आरोपी की गिरफ्तारी और शिशु की बरामदगी पर 30 हजार रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई।
DIG अमित सांघी ने घटना की सतत निगरानी करते हुए शिवपुरी पुलिस को सटीक दिशा-निर्देश दिए। पुलिस टीमों ने पूरे शहर के 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसमें एक महिला को नवजात को गोद में लेकर पैदल जाते देखा गया। तकनीकी जांच और साइबर सेल की मदद से आरोपी की पहचान बड़ागांव थाना देहात क्षेत्र की शारदा आदिवासी के रूप में हुई।
पुलिस ने बस अड्डों, ऑटो चालकों और राहगीरों से पूछताछ की तो पता चला कि महिला झांसी की ओर गई है। वहां से सागर जाने की पुष्टि होने पर ग्वालियर जोन के आईजी अरविंद सक्सेना ने सागर जोन की आईजी हिमानी खन्ना से समन्वय स्थापित किया। सागर के एएसपी लोकेश सिन्हा और बीना के एएसपी संजीव उईके ने तत्काल नाकाबंदी कर कार्रवाई की और महिला को सागर में पकड़ लिया।
शिवपुरी पुलिस टीम मौके पर पहुंची और नवजात बालिका को सुरक्षित बरामद किया। आरोपी महिला से पूछताछ जारी है। इस त्वरित कार्रवाई से पुलिस के प्रति जनविश्वास और मजबूत हुआ है तथा अधिकारियों की तत्परता और समन्वय ने संवेदनशील मामलों में पुलिस की दक्षता को एक बार फिर साबित किया है।





