झाबुआ- रतलाम में पत्थरबाजों को पकड़ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर नाइट ड्रोन से निगरानी

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झाबुआ- रतलाम में पत्थरबाजों को पकड़ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर नाइट ड्रोन से निगरानी

रतलाम: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रही पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद अब झाबुआ और रतलाम पुलिस ने ड्रोन कैमरे की मदद से बदमाशों को पकड़ने की तैयारी कर ली है। यहां पर ड्रौन कैमरों से रात में निगरानी की जा रही है। मध्य प्रदेश में अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ही नाईट विजन ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाती है। प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे पर पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए झाबुआ और रतलाम में इससे नजर रखी जा रही है। दोनों ही जिलों में थर्मल स्क्रेनिंग कैमरे उपयोग किए जा रहे है। यही कैमरे नक्सल प्रभावित जिलों की पुलिस भी उपयोग कर रही है।

मध्य प्रदेश के झाबुआ, रतलाम और मंदसौर से होकर गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आए दिन पत्थरबाजी की घटनाएं हो रही है। पत्थरबाज बदमाश ट्रक, बस और निजी वाहनों पर हमला कर देते हैं। ये बदमाश रात में ही वारदात को अंजाम देते रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद झाबुआ और रतलाम जिले की पुलिस ने यहां पर पेट्रोलिंग बढ़ाई लेकिन बदमाश पकड़ में नहीं आ सके और न ही वारदातों में कमी आई। इसके बाद पुलिस ने तय किया कि वह अब नाईट विजय ड्रोन कैमरे से यहां की निगरानी करेगी, ताकि बदमाशों को पकड़ा जा सके।

इसलिए यहां के लिए भी नक्सल क्षेत्रों में इस्तेमाल किए जाने वाले थर्मल स्क्रेनिंग कैमरे वाला ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। दोनों जिलों की पुलिस दो-दो कैमरे उपयोग कर रही है। थर्मल स्क्रेनिंग कैमरे की खास बात यह है कि रात में इसका विजन एकदम साफ आता है, इसमें जानवर तक साफ दिखाई दे जाते हैं। ये कैमरे 15 किलोमीटर तक की रेंज को कवर कर सकते हैं।

तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना देगा
ड्रोन कैमरा को ट्रेंड पुलिसकर्मी यहां पर आॅपरेट कर रहे हैं। निगरानी के दौरान यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखती है, तो इसे तुरंत कैप्चर कर संबंधित जिले के कंट्रोल रूम और संबंधित थाना क्षेत्र को सूचना दी जाएगी।

एक साल में 30 बार पत्थरबाजी हो चुकी
बता दें कि पिछले एक साल में रतलाम जिले के रावटी और शिवगढ़ थाना क्षेत्र में 30 से अधिक पत्थरबाजी की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, इन घटनाओं में अब तक किसी तरह की लूट नहीं हुई है। पत्थरबाजी को रोकने के लिए पुलिस ने यह नया कदम उठाया है।