‘Nilambari’ is an Example : साहित्यिक प्रतिभाओं की खोज में ‘नीलांबरी’ एक मिसाल!
Mumbai : ‘नीलांबरी फाउंडेशन आज जो बड़ा रचनात्मक कार्य कर रही है वह देश के बड़े-बड़े लिटरेचर फेस्ट भी नहीं कर पा रहे। यह इसलिए हो पा रहा है क्योंकि नीलांबरी पास वह खोजी आँख है जिससे वह नई प्रतिभाओं को खोजकर मंच प्रदान कर रही है।
यह विचार वरिष्ठ कवयित्री व विविध भारती की पूर्व कार्यक्रम अधिकारी कमलेश पाठक ने कांदिवली स्थित कंट्री क्लब के सभागार में नीलांबरी फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘नए रचनाकारों द्वारा राष्ट्र वंदना’ कार्यक्रम में व्यक्त किए। वे इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही थीं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं दमयंती दीप।
संस्था की अध्यक्ष डॉ नीलिमा पांडेय ने कहा कि नए रचनाकारों को मंच देना ‘नीलांबरी’ का ध्येय रहा है और रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि ताजी हवा आने तो दीजिए फिर देखिए कैसे बदलता है मौसम का मिजाज। इस अवसर पर जगतगुरु सूर्याचार्य (द्वारका पीठ) का भव्य स्वागत किया गया।
इस मौके पर रितिका जौहरी, नीतू पांडेय ‘क्रांति’ ,कविता पटेल, सोनिका वर्मा, शिखा गोस्वामी, सुमन वासु दत्ता, राहुल सिंह ‘ओज’ व लक्ष्मीकांत कमलनयन आदि कवियों ने रचना पाठ किया। कार्यक्रम में अर्चना जौहरी, महेंद्र मोदी, कुसुम तिवारी, सवि दत्ता, डॉ प्रमोद पल्लवित, श्रीधर मिश्र, आनन्द पांडेय, रोशनी किरण, नमिता पांडेय, सत्यवती मौर्य, रीता कुशवाह सहित कला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े तमाम रचनाकार मौजूद थे। संचालन डॉ निशा सिंह ने किया।