उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगार युवा की निमाड़ी चाय टपरी

परिवार पालने के लिए मजबूरी में खोली चाय की दुकान

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बड़वानी से सचिन राठौर की खास खबर

बड़वानी: हर युवा का सपना होता है कि वह पढ़ लिख कर अपने जीवन स्तर को बेहतर करें और बेहतर से बेहतर जॉब करें लेकिन मध्य प्रदेश में मामा शिवराज के राज में पढ़े लिखे युवाओं के हालत देख शायद आपको उन पर तरस आ जाएगा। वजह मध्य प्रदेश में लगातार सरकारी नौकरी की वैकेंसी का अभाव, चयनित शिक्षकों को नियुक्ति में देरी, विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक होने से रद्द हुई परीक्षाएं, रिजल्ट में हुई देरी के चलते शिवराज सरकार पर कई तरह के सवाल तो खड़े हो रहे हैं वही वहीं  पढ़े-लिखे युवा चाय बेचने को मजबूर हैं।

हम बात कर रहे हैं बड़वानी जिला मुख्यालय पर लगी निमाड़ी चाय टपरी की जहाँ सुनील नामक युवक एमएसडब्ल्यू जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद बड़वानी शहर के मोटीमाता चौराहे पर निमाड़ी चाय की टपरी लगाकर चाय बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं।

चाय बेचने वाले युवा सुनील वास्केल कहते हैं कि उन्होंने 2016 में एम एस डब्ल्यू पास किया था। वह कहते हैं- मैंने कई बार अप्लाई भी किया। पिछले कुछ साल से तो वैकेंसी निकल नहीं रही है और अगर निकलती भी है तो कुछ ना कुछ गड़बड़ी हो जाती है। घर परिवार पालने के लिए भरण-पोषण के लिए मजबूरी में यह काम करना पड़ रहा है। वैकेंसी कम आ रही है इसलिए बेरोजगारी चरम पर है मजबूरी के चलते चाय बनाकर दुकान दुकान जाकर चाय बेचना पड़ रहा है।

सरकार से चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वैकेंसी निकले ताकि पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके।
ऐसा नहीं कि एक युवा ही बल्कि कई पढ़े-लिखे युवा है जो इस तरह काम करने को मजबूर है। अब जरूरत इस बात की है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा सरकारी वैकेंसी निकालें ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके और उनका पढ़ा लिखा होना कामयाब हो सके।

बेरोजगार युवा संघ के स्टेट कोर मेम्बर सुमेरसिंह बड़ोले ने बताया कि आज बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा कि पकौड़े बेचना भी रोजगार है तो बेरोजगारों ने आज चाय की टपरी बनाकर लगाई है और बताना चाहते हैं कि चाय की टपरी से कितने पैसे आते हैं और चाय बनाना कोई रोजगार नहीं है अगर इस देश के डिग्री धारी युवाओं को अगर ठेला लगाना पड़े तो यह बड़ी दुखद बात है।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, सुनील वास्केल (एमएसडब्ल्यू बेरोजगार युवा)-

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, सुमेरसिंह बड़ोले (बेरोजगार युवाओं संघ स्टेट कोर मेम्बर)-