Nitish’s Political Successor : इस पूर्व IAS अधिकारी को नीतीश का राजनीतिक उत्तराधिकारी समझा जा रहा!  

ओडिशा से डेपुटेशन पर बिहार आए, फिर वापस नहीं गए, इस्तीफ़ा देकर जेडी (यू) में शामिल!   

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Nitish’s Political Successor : इस पूर्व IAS अधिकारी को नीतीश का राजनीतिक उत्तराधिकारी समझा जा रहा!  

Patna : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा जेडी (यू) में शामिल हो गए। उनकी नजदीकी देखते हुए उन्हें नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्तराधिकारी समझा जा रहा है। लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य की चर्चाओं के बीच उनके सियासी वारिस के बारे में कयास लगा करते हैं।

आईएएस से नेता बने आरसीपी सिंह को कभी नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्तराधिकारी कहा जाता था। लेकिन, 2022 में वे जदयू से अलग हो गए। उसके बाद ललन सिंह और संजय झा के नाम चले, लेकिन मंगलवार को एक ऐसे शख्स ने जनता दल (यूनाइटेड) में एंट्री ली जिसके बाद पुराने नामों पर विराम लगता सा दिख रहा है। पटना में जेडीयू के भीतर गहमागहमी है और कयासों का नया दौर शुरू हो गया।

गृह राज्य के आईएएस रहे मनीष कुमार वर्मा
दिल्ली आईआईटी के छात्र रहे मनीष वर्मा अपने दूसरे प्रयास में 2000 में आईएएस अफसर बने। उनको ओडिशा कैडर मिला था। वहां 12 साल तक नौकरी करने के बाद पिता के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए 2012 में अपने गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति की मांग की। बिहार पहुंचने के बाद वे पटना और पूर्णिया के डीएम बने। राज्य की बिजली कंपनियों का नेतृत्व किया।   2021 में उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त हो गई। लेकिन, कहा जाता है कि नीतीश कुमार के साथ रहने के लिए उन्होंने सिविल सेवा से वीआरएस ले लिया। उसके बाद उनको बिहार आपदा प्रबंधन अथॉरिटी का सदस्य बनाया गया। 2022 में उन्हें मुख्यमंत्री का सलाहकार (इंफ्रास्ट्रक्चर) बनाया गया। जेडीयू में शामिल होने से पहले उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

नीतीश के गृह जिले से नाता
नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ताल्लुक रखते हैं और उनकी ही तरह कुर्मी जाति से हैं। हालांकि, उनकी पारिवारिक जड़ें पड़ोसी गया क्षेत्र से संबंधित हैं। लेकिन, अब उनका आधार नालंदा के बिहारशरीफ में है। उनके पिता डॉ अशोक वर्मा बिहार शरीफ के फेमस डॉक्‍टर रहे हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा वहां के सरकारी स्‍कूल के बाद पटना में हुई। आईआईटी दिल्‍ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। आईएएस बनने से पहले इंडियन ऑयल कारपोरेशन में भी काम किया।

मनीष कुमार वर्मा का पटना स्थित जदयू मुख्यालय में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में 9 जुलाई को उनका बड़े धूमधाम से स्वागत किया गया। इस दौरान झा ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार से बाहर अपने आधार का विस्तार करने के बारे में गंभीरता से सोच रही है। हमें यकीन है कि वर्मा का समृद्ध प्रशासनिक अनुभव जदयू के लिए बहुत काम आएगा।

उन्हें भविष्य के नेता के रूप में देखा जा रहा
पार्टी ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वर्मा को जदयू के भीतर क्या जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। लेकिन, कहा जा रहा है कि पार्टी के भीतर उनके भविष्य के नेता के रूप में देखा जा रहा है। वे जेडीयू संगठन की गतिविधियों में पिछले एक साल से सक्रिय रूप से जुड़े हैं। जेडीयू सूत्रों का कहना है कि उनको नेशनल जनरल सेक्रेटरी (संगठन) का पद दिया जा सकता है। आरसीपी सिंह के पास ये पद लंबे समय तक था। इस अवसर पर वर्मा ने अपने संरक्षक की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री असाधारण व्यक्तित्व, सच्चे समाजवाद के प्रतीक और वादों को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं, जो ‘राजनेताओं में दुर्लभ है।