

Nitish’s Son in Politics : नीतीश के बेटे की राजनीति में एंट्री की अटकलों पर बीजेपी का जवाब!
Bhagalpur : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की अटकलें तेज हो गई। इसे लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सर्किट हाउस में हुई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अगर वे राजनीति के लायक है और आना चाहते हैं, तो मैं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के नाते उनका स्वागत करता हूं।
परिवारवाद की राजनीति में जो परिभाषा है वह यह है कि चांदी का चम्मच मुंह में लेकर 18 साल हुआ नहीं और राजा बनने की तैयारी करने लगे।नीतीश कुमार अच्छे पिता हैं, वे इतने सालों से बिहार की बागडोर को संभाल रहे हैं। इससे पहले केंद्र में भी मंत्री के पद पर रहे है। हम लोग जब बच्चे थे, तब वे सक्रिय राजनीति में ऊंचे पायदान पर थे। उस महान पिता अभी तक अपने बच्चों को राजनीति में नहीं लाए यह बड़ी बात है।
तेजस्वी यादव के मेडिकल ज्ञान पर तंज
प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि क्या तेजस्वी यादव ने राजनीति छोड़कर बीच में डॉक्टर की डिग्री ली। असल पढ़ाई तो कर नहीं पाए, मैट्रिक फेल रह गए। उन्होंने कहा कि उनको कुछ चीज डॉक्टर पर छोड़ना चाहिए। बहुत ज्यादा मेडिकल एक्सपर्ट बनना सही नहीं। अगर राजनीति में एक्सपर्ट है, तो चलेगा। लेकिन, अब मेडिकल एक्सपर्ट भी बन गए, तो यह कैसे संभव है। यह तंज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत पर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के दिए बयान बीजेपी अध्यक्ष ने दिया।
दूसरी तरफ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री ने प्रगति यात्रा में 4 डिग्री से लेकर 40 डिग्री तक हर जगह जाकर न्याय के साथ विकास की जो गाथा लिखी वह काबिले तारीफ है। मुख्यमंत्री के द्वारा प्रगति यात्रा के साथ जो विकास की आंधी बही, उसे देखकर विपक्ष औंधे मुंह गिर गया और अनर्गल बयान देते हुए गाल बजाने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि हमारे नेता मुख्यमंत्री न्याय के साथ विकास करते हैं। इसलिए बिहार की जनता समझ चुकी है कि हमें किनके साथ रहना है। अगर राजनीति के लायक है और राजनीति में आना चाहते हैं तो स्वागत है।
तेजस्वी पर बीजेपी अध्यक्ष क्या बोले
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि मैं बोलता हूं, तो लोग कहते हैं की बहुत बोलता है। उन्होंने प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के बच्चे जवान भी नहीं हुए कि पहले से ही कुर्सी बनाने लगे। दोनों में फर्क समझना जरूरी है। इसलिए इतने लंबे राजनीति विचारधारा वाले पिता के बेटे को अब राजनीति में जरूर आना चाहिए।