No Anticipatory Bail : विवादित कार्टून पर कार्टूनिस्ट की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट ने निरस्त की!

कोर्ट ने कहा 'यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा लांघने का मामला!'

368

No Anticipatory Bail : विवादित कार्टून पर कार्टूनिस्ट की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट ने निरस्त की!

Indore : प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर विवादित कार्टून बनाकर सोशल मीडिया पर कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने वायरल किया था। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष जोशी ने लसूड़िया थाने में शिकायत की थी। कोर्ट ने माना कि इस तरह के कार्टून सामाजिक और सार्वजनिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। इस आधार पर कोर्ट ने विवादित कार्टून पर कार्टूनिस्ट की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी।

कार्टून में संघ को उसकी वर्दी में एक मानव रूप में दिखाया गया, जो झुककर प्रधानमंत्री के सामने खड़ा है। प्रधानमंत्री को स्टेटिस्कोप और इंजेक्शन के साथ दिखाया गया, जिसे वे संघ के पीछे लगा रहे हैं। शिकायत के बाद कार्टूनिस्ट ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन लगाया, जिसे जस्टिस सुभाष अभ्यंकर ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा लांघने का मामला है। ऐसे व्यक्ति को सबक मिलना चाहिए।

कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कार्टूनिस्ट की ओर से दलील दी गई कि यह एक हास्य-व्यंग्य था और सिर्फ उनके फेसबुक पेज पर साझा किया गया। लेकिन, कोर्ट ने माना कि इस तरह के कार्टून सार्वजनिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं सीआरपीसी के तहत गिरफ्तारी उचित मानी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के अर्नेश कुमार फैसले का लाभ भी कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। जोशी की शिकायत पर 22 मई को लसूड़िया पुलिस ने आरोपी हेमंत पर धारा 196, 299, 302, 352, 353 (2) इठर और 67(अ) आईटी एक्ट का केस दर्ज किया था।

संघ के विरुद्ध विद्वेषपूर्ण तरीका
शिकायतकर्ता विनय जोशी ने बताया कि मैं हाईकोर्ट में अधिवक्ता होकर स्वयंसेवक भी हूं। मैं निपानिया स्थित इस्कान मंदिर गया था। वहां से बाहर निकला तो मोबाइल पर हेमंत मालवीय नामक फेसबुक आईडी देखी। जिसकी टाइम लाइन पर कुछ इमेज अपलोड की गई है। ये सभी संघ के विरुद्ध विद्वेषपूर्ण तरीके से उकसाने के लिए जानबूझकर प्रसारित की गई है। उससे मेरी और हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। इसके पीछे उसका आशय प्रतीत होता है कि वह समाजजनों को दंगा करने, कानून व्यवस्थाओं को अपने हाथ में लेने और हिंसा करने के लिए उकसाना चाहता है।